**Monday_NREGA NEW's
Posted On at by NREGA RAJASTHANThe Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act (MGNREGA), NREGA, MGNREGA, RAJASTHAN NREGA, NREGA JOB, NREGA, MGNREGA सोनिया, राहुल व प्रियंका के भी जॉब कार्ड मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, महासचिव राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित कई अन्य महत्वपूर्ण लोगों के राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत फर्जी जॉब कार्ड बनाए जाने के मामले का खुलासा हुआ है। प्रशासन ने पूरे प्रकरण की पुलिस से जांच कराने का अनुरोध किया है। जिला प्रशासन को जानकारी मिली कि ग्राम पंचायत बावलिया खुर्द में कई बड़े नेताओं और अधिकारियों के राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत जॉब कार्ड बनाए गए हैं। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी महेश चंद्र चौधरी ने शुक्रवार बताया कि जब उन्होंने जॉब कार्डों की जांच कराई तो पाया गया कि वे फर्जी हैं। चौधरी के मुताबिक जिला प्रशासन को सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित कई अन्य महत्वपूर्ण लोगों के जॉब कार्डों की जो प्रति हासिल हुई थी उन्हें देखने में प्रतीत होता है कि वे जालसाजी करके बनाए गए हैं। जांच दल ने बावलिया खुर्द गांव में जाकर रजिस्टर से जॉब कार्ड का मिलान किया तो इस बात का खुलासा हुआ कि महत्वपूर्ण व्यक्तियों के जॉब कार्ड फर्जी हैं। चौधरी ने बताया कि धोखाधड़ी कर फर्जी जॉब कार्ड बनाए जाने की लिखित में शिकायत इंदौर पुलिस अधीक्षक से कर दी गई है और उनसे अनुरोध किया गया है कि वे इस पूरे मामले की जांच कराकर उन लोगों का पता लगाएं जिन्होंने धोखाधड़ी कर फर्जी जॉब कार्ड बनाए हैं Source-www.livehindustan.com
**Tuesdya_NREGA NEW's
Posted On at by NREGA RAJASTHANपानी-बिजली-चिकित्सा-नरेगा की समीक्षा बैठक
सपोटरा. तहसीलदार बस्तीराम यादव की अध्यक्षता में उपखंड कार्यालय में बिजली, पानी, चिकित्सा व नरेगा आदि की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिसमें कार्यवाहक विकास अधिकारी ने क्षेत्र की 21 ग्राम पंचायतों के 112 गांवों में नरेगा कार्य प्रारंभ करना बताया। बैठक में चिकित्सा अधिकारी ने क्षेंत्र में किसी भी प्रकार की मौसमी बीमारी व मलेरिया रोग नहीं होने, महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी ने विटामिन ए की दवा पिलाने का अभियान चालू होना बताया। वहीं तहसीलदार ने सीडीपीओ को सभी आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के दूरभाष नं. की सूचना कार्यालय जमा कराने के निर्देश दिए। कार्यवाहक विकास अधिकारी ने क्षेत्र की 21 ग्राम पंचायतों के 112 गांवों में नरोगा कार्य होना व उनपर 6246 श्रमिक कार्य कर रहे हैं। वहीं बीपीएल राशर्ड कार्ड तैयार करने के साथ 20 मई तक वितरण कराने का आश्वासन दिया।
अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने 21 जून तक ड्राप आउट एवं अनामांकित बालक-बालिकओं का सर्वे नोडल प्रधानाध्यापकों द्वारा कराए जाने, बिजली निगम के सहायक अभियंता ने प्रात: 10 से शाम 6 बजे तक बिजली कटौती के साथ ग्रामीण क्षेत्र में थ्री फेज की बिजली 4 घंटे व सिंगल फेज की शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक उपलब्ध कराना, जलदाय विभाग के कनिष्ठ अभियंता ने 20 हॅेंडपंपों को सही कराने व कृषि अधिकारी ने बताया कि 16 जून तक क्षेत्र में खरीफ कृषि अभियान चलाकर चारा मिनी किट, मूंगफल इत्यादि की बीज अनुदान पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
बिजली कनेक्शन के लिए कलेक्टे्रट पहुंचे ग्रामीणकरौली (करौली) : ग्राम पंचायत जगर के उप सरपंच बाबूलाल के नेतृत्व में खानाका गांव के ग्रामीण बुधवार को जिला मुख्यालय पर पहुंचे और 2 साल पूर्व बिजली कनेक्शन के लिए जमा आवेदनकर्ताओं को बिजली कनेक्शन दिलाने के लिए कलेक्टर को ज्ञापन दिया। उप सरपंच बाबूलाल सहित गांव के जगदीश, भागसिंह, रामजीत, रामप्रसाद, रामदेव, गोपाल, निरंजन, राजाराम, समयिंह, महेन्द्र, घनश्याम, गोपाल, रामकेश सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि गांव के बीपीएल चयनित व सामान्य वर्ग के 72 लोगों ने बिजली कनेक्शन के लिए हिंडौन स्थित निगम कार्यालय में आवेदन किया था। इसके बाद निगम के अधिकारी कर्मचारियों ने उनसे कनेक्शन देने के एवज में पैसों की मांग कर रहे हैं।
**Tuesdya_NREGA NEW's
Posted On at by NREGA RAJASTHAN
| |||||||
| |||||||
चीतरी । सीमलवाडा पंचायत समिति के ग्राम पंचायत भेमई में नरेगा के तहत अधूरे पडे कामों को जेसीबी से कराने की शिकायत पर रविवार को गलियाकोट नायब तहसीलदार ने काम रूकवाया। ग्रामीणों ने व्यापक गडबडझाले का आरोप लगाते हुए जांच की मंाग की है। पूर्व सरपंच कान्तिलाल डामोर, नाथूलाल पाटीदार, शिवराम पाटीदार, बंसीलाल पाटीदार सहित जनप्रतिनिघियों व ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2005 से 10 तक के कार्यकाल में कई निर्माण कार्य में भुगतान उठाने के बावजूद मौके पर कार्य पूरे नहीं हुए हैं। ग्रेवल सडक के अधूरे कार्य पर रविवार को जेसीबी व नौ टै्रक्टर लगाकर सरपंच पति रतनलाल पारगी द्वारा पूरा कराते देख इसकी शिकायत ग्रामीणों ने तत्काल सागवाडा उपखण्ड अघिकारी कैलाशचन्द्र लखारा से की। लखारा के निर्देश पर गलियाकोट नायब तहसीलदार भगवानलाल पाटीदार ने मौके पर पहुंच काम रूकवाया। ग्रामीणों ने बताया कि भेमई ग्राम पंचायत में नरेगा सहित अन्य योजनाओं में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर गत दिनों गांव का प्रतिनिघिमंडल जिला कलक्टर से मिला था परन्तु प्रशासन द्वारा जांच शुरू न होने से पंचायत प्रतिनिघि व सचिव अब तक बेखौफ थे। आगामी 23 जून को भेमई में रात्रि चौपाल होने से जिला कलक्टर द्वारा कार्रवाई के डर से अधूरे पडे कार्य को सरपंच व सचिव जेसीबी व अन्य साधन जुटाकर पूरा कराने में लगे हुए हैं। संभारराजस्थान पञिका |
**Thursday_NREGA NEW's
Posted On at by NREGA RAJASTHANझारखंड में नरेगा : भ्रष्टाचार की परतें उधेडती रिपोर्ट तब, वह मस्टररोल स्थानीय मजदूरों के नाम पर कैसे तैयार हो गये? इसके जवाब में एसडीओ ने फर्जी मस्टररोल के पीछे गरीब मजदूरों को ही दोषी करार दिया है। उनके अनुसार मशीनों से काम लेने और बाहर से मजदूर बुलाने के पीछे भी स्थानीय मजदूरों की ही सहमति थी। एवज में उन्होंने बिना मजदूरी किये दो-दो सौ रूपए भी वसूल लिये। एसडीओ साहब, बतौर सबूत, जांच दल के सामने मजदूरों की स्वीकारोक्ति वाले एक दस्तावेज का हवाला भी देते हैं। उनके अनुसार, अंगूठे के निशान और हस्ताक्षर लेने से पहले उस दस्तावेज का मजमून मजदूरों को सुना दिया गया था। यानी, गरीब मजदूरों ने किया सामूहिक फर्जीवाडा?..!! चौंकाने वाली इस रिपोर्ट की सच्चाई जानने के लिये ज्यां द्रेज की नरेगा सर्वे टीम ने जब मसमोहना गांव का दौरा किया तो गांववालों ने सरकारी जांच दल के दावों की हवा निकाल दी। सर्वे टीम सदस्य प्रवीण और वैलेंटिना के अनुसार अपढ मजदूर-मजदूरनियों ने सरकारी जांच दल ने किसी दस्तावेज पर उनके निशान लिये जाने की बात तो कही, लेकिन पढकर सुनाये जाने की बात को सिरे से खारिज कर दिया। मशीन से काम लिये जाने के पीछे दो दलालों वासुदेव महतो, वीरेंद्र यादव और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत की बात भी गांववालों ने बतायी। दो-दो सौ रूपए तो दूर, चंद रोज का जो काम मिला था, उसकी भी मजदूरी नहीं मिली। उसपर से सामूहिक फर्जीवाडे का आरोप! वैसे भी, बेचारे मजदूरों की क्या हैसियत है, अफसरों-बाबुओं-दलालों की भ्रष्ट तिकडी पर जब विख्यात अर्थशास्त्री और नरेगा के आर्किटेक्ट ज्यां द्रेज ने उंगली उठायी तो उन्हें भी कठघडे में खडा कर दिया गया, झारखंड में। (साभार : हिन्दुस्तान, रांची.अफसर, दलाल और जांच कमेटी- चोर-चोर मौसेरे.. !
नरेगा में अफसरों-बाबुओं के भ्रष्टाचार के किस्से एक-एक कर उजागर हो रहे हैं। जाली मस्टररोल बनता है। शिकायत मिलने पर एसडीओ के नेतृत्व में उच्चस्तरीय कमिटी जांच करती है। लेकिन, नतीजा?.. वही, चोर-चोर मौसेरे भाई! जांच कमिटी ने भी मजदूरों को ही धोखेबाज, मुफ्तखोर करार दिया।
मामला, कोडरमा जिला के मसमोहना ग्राम पंचायत में नरेगा के तहत पौने पांच लाख के तालाब निर्माण का है। एक जनसुनवाई के दौरान उस निर्माण में भारी अनियमितता की शिकायतें आयी। जिला प्रशासन ने एसडीओ, बीडीओ और जीपीआरओ को जांच का जिम्मा सौंपा। 27 जून को जांच के बाद एसडीओ ने रिपोर्ट में यह तो स्वीकारा कि तालाब का निर्माण दलाल की मदद लेकर जेसीबी खुदायी मशीन से करवाया गया। यही नहीं, पत्थरों को खोदने के लिये स्थानीय मजदूरों की बजाय दूसरे जिलों से लोग बुलाये जाने की बात भी स्वीकारी। जाहिर है, यह दोनों प्रक्रिया नरेगा नियमों का घोर उल्लंघन है। लेकिन, रिपोर्ट में इस अनियमितता से पल्ला झाडते हुए तर्क दे दिया गया कि स्थानीय मजदूरों ने काम करने से मना कर दिया था।
**Thursday_NREGA NEW's
Posted On at by NREGA RAJASTHANअभी नरेगा में शारीरिक श्रम के ही काम हो रहे है: सीपी जोशी नई दिल्ली। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में कुशल मजदूरों को भी जो़डा जाएगा। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री डा. सीपी जोशी ने मंगलवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2008-09 में 15 करोड लोग नरेगा के तहत काम करने के हकदार थे पर केवल 14 प्रतिशत लोगों ने ही काम किया। उन्होंने कहा कि अभी नरेगा में शारीरिक श्रम के ही काम हो रहे है, इसलिए बाकी लोग यह काम नही करना चाहते। उन्होंने कहा कि यह देखते हुए सरकार नरेगा के तहत कुशल मजदूरों का भी इस्तेमाल करना चाहती है ताकि अधिक लोगों को काम मिल सके। हम इसके लिए अध्ययन कर रहे है। उन्होंने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में बताया कि नरेगा के तहत न्यूनतम दिहाडी प्रति दिन 100 रूपए करने के बारे में निर्णय ले लिया गया है और इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि नरेगा के क्रियान्वयन को कारगर बनाने के लिए समय-समय पर राज्य सरकारों को निर्देश दिए जा रहे है। उनसे कहा जा रहा है कि वे ग़डब़डयों को दूर करने की प्रणाली विकसित करे। उन्हें लोकपाल नियुक्त करने के बारे में भी कहा जा रहा है। इसके अलावा पंचायतों को भी ज्यादा सक्रिय बनाने के लिए कहा गया है।
**Monday_NREGA NEW's
Posted On at by NREGA RAJASTHAN**Saturday_NREGA NEW's
Posted On at by NREGA RAJASTHANनरेगा में कई जगह हुए भ्रष्टाचार
जयपुर 19, अगस्त। राज्य में 800 करोड रूपए के विशालकाय बजट वाली राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढती जा रही है।नरेगा के फर्जी मस्टररोलों में साघु-संतों, स्कूली छात्र-छात्राओं और स्वर्गवासी हो चुके लोगों के नाम देकर कामों का भुगतान उठाया जा रहा है। ट्रैक्टरों और अन्य मशीनों से काम करवाया जा रहा है। जल कुंड बनवाए जाने थे, सार्वजनिक स्थलों पर, लेकिन सरपंच बनवा रहे हैं खुद के या भाई के खेत में। दलित परिवारों के साथ भेदभाव तो बरता ही जा रहा है, सुलभ काम्पलेक्स निजी परिसरों में बनवाए जा रहे हैं। हैरानी ये है कि राज्य सरकार ने ढेरों शिकायतें मिलने के बावजूद अभी तक इन प्रकरणों में जांच के आदेश नहीं दिए हैं। अलवर जिले में फर्जी जॉब कार्ड, बेनामी खातों और झूठे मस्टररोल भरकर पारिश्रमिक उठाया जा रहा है तो जैसलमेर जिले में योजना के तहत बने टांकों से 40 प्रतिशत कमीशन वसूला जा रहा है। भीलवाडा में तो हालात ये हैं कि नरेगा में कामों की सूचना देने के लिए घनराशि मांगी जा रही है। BY- www.khaskhabar.com19 अगस्त, 2009 |
**Tuesdya_NREGA NEW's
Posted On at by NREGA RAJASTHANमहानरेगा में नए वित्तीय वर्ष के कार्य वितरण को लेकर कार्य योजना पर ही प्रश्न चिह्नï लगने लगे हंै। मूल पंचायत विभाग से अधिक कार्यों का आवंटन सहयोगी कार्यकारी एजेंसियों को थमाए जा रहे हैं। इसके विरोध में एक तरफ सरपंचों के स्वर मुखर हो रहे हैं तो तय कार्यकारी एजेंसियां स्टाफ की कमी के कारण पशोपेश में हैं कि आखिर काम कैसे होंगे।
नरेगा एक्ट के प्रावधानों में पंचायतीराज विभाग के माध्यम से 55 प्रतिशत काम करवाने की व्यवस्था है। एक्ट की व्यवस्था के अनुसार काम वितरण की बानगी सुवाणा पंचायत समिति क्षेत्र की 34 ग्राम पंचायतों में देखने को मिली है। पंचायतीराज संस्थाओं के खातों में 30 प्रतिशत काम ही आ पाए हैं। अन्य विभागों को नरेगा में कार्यकारी एजेंसी बना कर 15 प्रतिशत की हिस्सेदारी दी जा सकती है। यहां ग्राम सभा में स्वीकृत कामों के सर्वसम्मति से पास प्रस्तावों को भी हवा में उड़ाया जा रहा है।
किसका कितना हिस्सा
कार्यकारी संस्था काम की संख्या कुल राशि
पंचायतीराज संस्थाएं 970 30.43
सा. निर्माण विभाग 517 45.01
जल संसाधन विभाग 268 22.10
वन विभाग 73 2.46
कुल 1828 100
पहले ही स्टाफ नहीं, कैसे
होंगे काम
राजस्थान बीज निगम के निदेशक भैरूलाल जाट ने बताया कि पहले ही विभागों के पास स्टाफ की कमी चल रही है। ऐसे में काम कैसे पूरे होंगे। क्षेत्र में जल संसाधन विभाग का एकमात्र काम सुवाणा एनीकट की मरम्मत का चल रहा है। यही हाल पीडब्ल्यूडी का भी है। शिकायत सीएम,पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री को की है। पूर्व प्रधान शिवसिंह शक्तावत और सरपंच मिनाक्षी कंवर भी इस संबंध में आपत्ति जता चुके हैं।
पहले के लक्ष्य ही नहीं किए पूरे
पंचायतों की 2008-09 और 09-10 की प्रगति को देखते हुए बदलाव किया है। दोनों सालों में क्रमश: 52 व 46 प्रतिशत ही प्रगति हुई। एक्सईएन नरेगा आईजी नीमेश ने बताया कि सरकार के निर्देश है कि वाटर स्ट्रक्चर और सड़कों के काम विभागों से करवाएं जाए। पत्र का जवाब भेज दिया गया है। वैसे कार्य योजना पंचायत समिति प्रशासन द्वारा बनाई गई है।
**Sunday_NREGA NEW's
Posted On at by NREGA RAJASTHANमृतका व डॉक्टर को बनाया नरेगा मजदूर!
जोधपुर. लोहावट ग्राम पंचायत के विश्नावास में एक मृतका, डॉक्टर व बीएसएफ के जवान जैसे कर्मचारियों के नाम से नरेगा का भुगतान उठाने का मामला सामने आया है। अतिरिक्त कार्यक्रम समन्वयक कार्यालय से भेजी टीम ने नरेगा का रिकॉर्ड कब्जे में लेकर छानबीन शुरू की है। रिकॉर्ड में काट-छांट हो रखी है। डॉक्टर व बीएसएफ के जवान की उपस्थिति का रिकॉर्ड मंगवाया गया है।
नरेगा में फर्जी जॉब कार्ड बना कर भुगतान उठाने की शिकायत रोजगार सहायक रेखा विश्नोई के खिलाफ है जिसके ताऊ इस गांव के सरपंच हैं। जन जागृति लोक कल्याण विकास संस्थान के बैनर तले ग्रामीणों ने कलेक्टर से यह शिकायत की थी। सहायक लेखाधिकारी गोवर्धन जोशी व सहायक अभियंता ओमप्रकाश ने जांच की थी।
लोगों ने इन्हें कागजात पेश कर बताया कि जयपुर में पोस्टेड डॉक्टर जीवनराम, बेंगलुरू में बीएसएफ के जवान हरचंदराम, अध्यापिका सुमित्रा आदि के साथ मृतका मूलीदेवी के नाम से हजारों रुपए का भुगतानअधिक पढने के लिए क्लिक करे
New MGNREGA LOGO
Posted On at by NREGA RAJASTHANVideo
Posted On at by NREGA RAJASTHAN**FriDay_NREGA NEW's
Posted On at by NREGA RAJASTHANजोधपुर। नवनिर्वाचित प्रधानों व उप प्रधानों ने नरेगा को पंचायत राज संस्थाओं की अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन की गति थामने वाला बताते हुए इसे पंचायतों से अलग करने की आवाज उठाई है। इनका कहना है कि नरेगा के कारण पंचायतों को रोजमर्रा के काम प्रभावित हो रहे हैं, जबकि नरेगा में पंचायत प्रतिनिधियों का दखल नहीं के बराबर है। नरेगा बनाम पंचायत का मुद्दा बुधवार को सम्भाग के नव निर्वाचित प्रधानों-उप प्रधानों व विकास अधिकारियों के लिए यहां आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन छाया रहा। सिरोही जिले की रेवदर पंचायत समिति की प्रधान पद्मा कंवर ने तो पंचायतों को नरेगा कार्यो से पूरी तरह अलग कर देने की मांग ही कर डाली। उनका अधिक पढने के लिए क्लिक करेनरेगा-नरेगा, बाकी कौन करेगा