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Posted On at by NREGA RAJASTHANजोधपुर। नवनिर्वाचित प्रधानों व उप प्रधानों ने नरेगा को पंचायत राज संस्थाओं की अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन की गति थामने वाला बताते हुए इसे पंचायतों से अलग करने की आवाज उठाई है। इनका कहना है कि नरेगा के कारण पंचायतों को रोजमर्रा के काम प्रभावित हो रहे हैं, जबकि नरेगा में पंचायत प्रतिनिधियों का दखल नहीं के बराबर है। नरेगा बनाम पंचायत का मुद्दा बुधवार को सम्भाग के नव निर्वाचित प्रधानों-उप प्रधानों व विकास अधिकारियों के लिए यहां आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन छाया रहा। सिरोही जिले की रेवदर पंचायत समिति की प्रधान पद्मा कंवर ने तो पंचायतों को नरेगा कार्यो से पूरी तरह अलग कर देने की मांग ही कर डाली। उनका अधिक पढने के लिए क्लिक करेनरेगा-नरेगा, बाकी कौन करेगा