महानरेगा श्रमिकों को मिलेगा एरियर!
Posted On at by NREGA RAJASTHANमहानरेगा श्रमिकों को मिलेगा एरियर!
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बांसवाड़ा। अकुशल श्रमिकों को एरियर। सुनने में अजीब लगे, लेकिन महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत नियोजित श्रमिकों के लिए यह खुशखबर जैसा ही है। न्यूनतम मजदूरी बढ़ने के बाद एक जनवरी से किसी श्रमिक को एक सौ रूपए का भुगतान होने पर शेष राशि बतौर एरियर दिए जाने के आदेश हुए हैं। भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से एक जनवरी से महानरेगा के तहत अकुशल शारीरिक श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी प्रति दिवस 119 रूपए कर दी गई है।
ऎसे में योजना के तहत स्वीकृत कार्य पर नियोजित श्रमिक को एक जनवरी से टास्क के आधार पर 119 रूपए भुगतान कराने के लिए कार्यकारी एजेंसियों को पाबंद किया गया है। महानरेगा आयुक्त तन्मय कुमार की ओर से 25 जनवरी को जारी आदेशानुसार एक जनवरी के बाद की अवधि का भुगतान यदि श्रमिक को एक सौ रूपए किया गया है, तो शेष उक्त अवधि के लिए श्रमिक को एरियर का भुगतान भी किया जाएगा। इस संबंध में प्रदेश के सभी जिला कार्यक्रम समन्वयकों को पाबंद किया गया है।
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बांसवाड़ा। अकुशल श्रमिकों को एरियर। सुनने में अजीब लगे, लेकिन महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत नियोजित श्रमिकों के लिए यह खुशखबर जैसा ही है। न्यूनतम मजदूरी बढ़ने के बाद एक जनवरी से किसी श्रमिक को एक सौ रूपए का भुगतान होने पर शेष राशि बतौर एरियर दिए जाने के आदेश हुए हैं। भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से एक जनवरी से महानरेगा के तहत अकुशल शारीरिक श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी प्रति दिवस 119 रूपए कर दी गई है।
ऎसे में योजना के तहत स्वीकृत कार्य पर नियोजित श्रमिक को एक जनवरी से टास्क के आधार पर 119 रूपए भुगतान कराने के लिए कार्यकारी एजेंसियों को पाबंद किया गया है। महानरेगा आयुक्त तन्मय कुमार की ओर से 25 जनवरी को जारी आदेशानुसार एक जनवरी के बाद की अवधि का भुगतान यदि श्रमिक को एक सौ रूपए किया गया है, तो शेष उक्त अवधि के लिए श्रमिक को एरियर का भुगतान भी किया जाएगा। इस संबंध में प्रदेश के सभी जिला कार्यक्रम समन्वयकों को पाबंद किया गया है।
कानून एक, मजदूरी अलग
Posted On at by NREGA RAJASTHANकानून एक, मजदूरी अलग
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भीलवाड़ा। संसद ने कानून बना समान रूप से पूरे देश में लागू किया, लेकिन मजदूरी के पैमाने अलग-अलग हो गए। किसी श्रमिक को प्रतिदिन 117 रूपए तो किसी को 179 रूपए तक मिल रहे हैं।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी अधिनियम-2005 (नरेगा) के तहत अकुशल शारीरिक कामगार (श्रमिक) को मिलने वाली मजदूरी राशि में 1 जनवरी से संशोधन हुआ। संशोधन की अधिसूचना केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 14 जनवरी को भारत सरकार के गजट में जारी कर दी। इस अधिसूचना के बाद राजस्थान में नरेगा मजदूरी राशि 100 रूपए से बढ़कर 119 रूपए भले हो गई, लेकिन हरियाणा में 179 रूपए या चण्डीगढ़ में 174 रूपए की तुलना में काफी कम है। राजस्थान उन राज्यों में शामिल हैं, जहां नरेगा श्रमिकों की मजदूरी राशि अन्य राज्यों की तुलना में कम है। हिमाचल प्रदेश में गैर अनुसूचित क्षेत्र में 120 रूपए तो अनुसूचित क्षेत्र में 150 रूपए मजदूरी है।
क्या है कारण
नरेगा में मजदूरी राशि अलग-अलग होने का एक कारण राज्यों में न्यूनतम मजदूरी राशि अलग-अलग होना है। राजस्थान में हाल ही मजदूरी 100 से बढ़ाकर 135 रूपए किया गया था, जबकि केरल, हरियाणा जैसे राज्यों में यह राशि 180 से 200 रूपए तक है।
राज्यों में नरेगा में अधिकतम मजदूरी राशि
राज्य राशि
असम 130
आन्ध्रप्रदेश 121
बिहार 120
गुजरात 124
हरियाणा 179
राजस्थान 119
जम्मू-कश्मीर 121
कर्नाटक 125
केरल 150
मध्यप्रदेश 122
महाराष्ट्र 127
मणिपुर 126
मेघालय 117
मिजोरम 129
नगालैण्ड 118
उड़ीसा 125
पंजाब 124
सिक्कम 118
तमिलनाडु 119
उत्तर प्रदेश 120
पश्चिम बंगाल 130
छत्तीसगढ़ 122
झारखण्ड 120
गोवा 138
चण्डीगढ़ 174
लक्षद्वीप 138
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भीलवाड़ा। संसद ने कानून बना समान रूप से पूरे देश में लागू किया, लेकिन मजदूरी के पैमाने अलग-अलग हो गए। किसी श्रमिक को प्रतिदिन 117 रूपए तो किसी को 179 रूपए तक मिल रहे हैं।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी अधिनियम-2005 (नरेगा) के तहत अकुशल शारीरिक कामगार (श्रमिक) को मिलने वाली मजदूरी राशि में 1 जनवरी से संशोधन हुआ। संशोधन की अधिसूचना केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 14 जनवरी को भारत सरकार के गजट में जारी कर दी। इस अधिसूचना के बाद राजस्थान में नरेगा मजदूरी राशि 100 रूपए से बढ़कर 119 रूपए भले हो गई, लेकिन हरियाणा में 179 रूपए या चण्डीगढ़ में 174 रूपए की तुलना में काफी कम है। राजस्थान उन राज्यों में शामिल हैं, जहां नरेगा श्रमिकों की मजदूरी राशि अन्य राज्यों की तुलना में कम है। हिमाचल प्रदेश में गैर अनुसूचित क्षेत्र में 120 रूपए तो अनुसूचित क्षेत्र में 150 रूपए मजदूरी है।
क्या है कारण
नरेगा में मजदूरी राशि अलग-अलग होने का एक कारण राज्यों में न्यूनतम मजदूरी राशि अलग-अलग होना है। राजस्थान में हाल ही मजदूरी 100 से बढ़ाकर 135 रूपए किया गया था, जबकि केरल, हरियाणा जैसे राज्यों में यह राशि 180 से 200 रूपए तक है।
राज्यों में नरेगा में अधिकतम मजदूरी राशि
राज्य राशि
असम 130
आन्ध्रप्रदेश 121
बिहार 120
गुजरात 124
हरियाणा 179
राजस्थान 119
जम्मू-कश्मीर 121
कर्नाटक 125
केरल 150
मध्यप्रदेश 122
महाराष्ट्र 127
मणिपुर 126
मेघालय 117
मिजोरम 129
नगालैण्ड 118
उड़ीसा 125
पंजाब 124
सिक्कम 118
तमिलनाडु 119
उत्तर प्रदेश 120
पश्चिम बंगाल 130
छत्तीसगढ़ 122
झारखण्ड 120
गोवा 138
चण्डीगढ़ 174
लक्षद्वीप 138
नरेगा के 2009-10 के राष्ट्रीय पुरस्कार घोषित
Posted On at by NREGA RAJASTHANनरेगा के 2009-10 के राष्ट्रीय पुरस्कार घोषित
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बांसवाड़ा | महात्मा गांधी नरेगा के वर्ष 2009-10 के राष्ट्रीय पुरस्कार घोषित कर दिए गए हैं। ग्राम पंचायत श्रेणी में देश की श्रेष्ठ 11 पंचायतों में राजस्थान से दो पंचायतों का चयन हुआ है। इनमें बांसवाड़ा के कुशलगढ़ पंचायत समिति की बड़वास छोटी ग्राम पंचायत और भीलवाड़ा जिले से आसीन्द पंचायत समिति का रामपुरा शामिल है। जिला स्तर पर दस विभिन्न श्रेणियों में घोषित राष्ट्रीय पुरस्कारों में राजस्थान से बाड़मेर का चयन टीम लीडरशिप के लिए हुआ है। वहां के जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं कलक्टर गौरव गोयल का नाम इस पुरस्कार के लिए चयनित हुआ है।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास विभाग की संयुक्त सचिव अमिता शर्मा ने 27 जनवरी को इन पुरस्कारों की घोषणा की, जबकि पुरस्कार 2 फरवरी को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित होने वाले समारोह में दिए जाएंगे। जिला स्तरीय पुरस्कार जिला कलक्टर एवं पंचायत स्तर का पुरस्कार सरपंचों को दिए जाएंगे।
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बांसवाड़ा | महात्मा गांधी नरेगा के वर्ष 2009-10 के राष्ट्रीय पुरस्कार घोषित कर दिए गए हैं। ग्राम पंचायत श्रेणी में देश की श्रेष्ठ 11 पंचायतों में राजस्थान से दो पंचायतों का चयन हुआ है। इनमें बांसवाड़ा के कुशलगढ़ पंचायत समिति की बड़वास छोटी ग्राम पंचायत और भीलवाड़ा जिले से आसीन्द पंचायत समिति का रामपुरा शामिल है। जिला स्तर पर दस विभिन्न श्रेणियों में घोषित राष्ट्रीय पुरस्कारों में राजस्थान से बाड़मेर का चयन टीम लीडरशिप के लिए हुआ है। वहां के जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं कलक्टर गौरव गोयल का नाम इस पुरस्कार के लिए चयनित हुआ है।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास विभाग की संयुक्त सचिव अमिता शर्मा ने 27 जनवरी को इन पुरस्कारों की घोषणा की, जबकि पुरस्कार 2 फरवरी को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित होने वाले समारोह में दिए जाएंगे। जिला स्तरीय पुरस्कार जिला कलक्टर एवं पंचायत स्तर का पुरस्कार सरपंचों को दिए जाएंगे।
नरेगा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी
Posted On at by NREGA RAJASTHANनई दिल्ली : सरकार की महत्वपूर्ण योजना मनरेगा में भागीदारी के मामले में महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है। इस कार्यक्रम में महिलाओं की औसत हिस्सेदारी राष्ट्रीय स्तर पर 52 फीसदी है, लेकिन कई राज्यों में यह 70 फीसदी से ऊपर है। मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली छमाही तक केरल में 90 फीसदी महिलाओं की उत्कृष्ट भागीदारी दिखी, वहीं तमिलनाडु व पॉन्डिचेरी जैसे राज्यों में भी यह दर लगभग 80 फीसदी रही। राजस्थान व गोवा आदि में यह प्रतिशत करीब 70 रहा। यूपी में यह 20 फीसदी से नीची रही, वहीं बिहार, प.बंगाल में महिलाओं की सक्रियता महज 20-30 फीसदी नजर आई। नरेगा की शुरुआत गरीब (बीपीएल) ग्रामीणों के लिए रोजगार सुनिश्चित करने के लिए हुई हो, लेकिन यह उनके लिए अतिरिक्त आय के साधन भी बन गया है।
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नरेगा कार्यों में कोताही बरतने पर सचिव को एपीओ करने के आदेश
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विकास कार्य नही करवाए जाने पर ग्राम पंचायत निमेड़ा सचिव को निलंबित कर अन्य योग सचिव जिला परिषद सदस्य बासंती मीणा द्वारा लगाने की मांग पर अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने सचिव को एपीओ करने के विकास अधिकारी पंंचायत समिति टोंक को आदेश दिए।
जिला परिषद सदस्य बासंती देवी ने जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पत्र देकर अवगत कराया था कि उनके वार्ड 25 क्षेत्र की ग्राम पंचायत निमेडा में नरेगा, राच्य वित्त आयोग, 12वां वित्त आयोग, पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि योजना के स्वीकृत कार्य सचिव द्वारा नही कराए जा रहे है, जिससे स्वीकृतियां निरस्त होने की स्थिति में विकास कार्य नही होने से जनता के सामने जवाब देना मुश्किल हो रहा। इसलिए ग्राम पंचायत निमेड़ा सचिव बलवीर सिंह को तुरंत निलंबित कर अन्य योग्य सचिव को लगाया जाए, ताकि पंचायत में विकास कार्य हो सके। जिस पर अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी इकबाल हुसैन ने कार्यवाही करते हुए बीडीओ टोंक को निमेडा सचिव को एपीओ करने के निर्देश दिए।
विकास कार्य नही करवाए जाने पर ग्राम पंचायत निमेड़ा सचिव को निलंबित कर अन्य योग सचिव जिला परिषद सदस्य बासंती मीणा द्वारा लगाने की मांग पर अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने सचिव को एपीओ करने के विकास अधिकारी पंंचायत समिति टोंक को आदेश दिए।
जिला परिषद सदस्य बासंती देवी ने जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पत्र देकर अवगत कराया था कि उनके वार्ड 25 क्षेत्र की ग्राम पंचायत निमेडा में नरेगा, राच्य वित्त आयोग, 12वां वित्त आयोग, पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि योजना के स्वीकृत कार्य सचिव द्वारा नही कराए जा रहे है, जिससे स्वीकृतियां निरस्त होने की स्थिति में विकास कार्य नही होने से जनता के सामने जवाब देना मुश्किल हो रहा। इसलिए ग्राम पंचायत निमेड़ा सचिव बलवीर सिंह को तुरंत निलंबित कर अन्य योग्य सचिव को लगाया जाए, ताकि पंचायत में विकास कार्य हो सके। जिस पर अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी इकबाल हुसैन ने कार्यवाही करते हुए बीडीओ टोंक को निमेडा सचिव को एपीओ करने के निर्देश दिए।