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Posted On at by NREGA RAJASTHANबीकानेर। गर्मी में संभावित मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को नरेगा श्रमिकों की सप्ताह में एक बार स्वास्थ्य जांच के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही उपचार के लिए जिला परिषद से समन्वय बनाए रखने को कहा गया है। इस सम्बन्ध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं के प्रमुख शासन सचिव ने आदेश जारी किए हैं। आदेशों में कहा गया है कि अकाल राहत एवं नरेगा कार्य स्थल पर 50 से कम श्रमिक कार्यरत होने पर ए.एन.एम. उनके स्वास्थ्य की जांच करेंगी। जबकि 50 से 100 श्रमिक होने पर ए.एन.एम. तथा मेल नर्स स्वास्थ्य की जांच करेंगी। जबकि किसी कार्य स्थल पर सौ से अधिक श्रमिक होने पर चिकित्सा अधिकारी को स्वास्थ्य जांच के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही प्रत्येक भ्रमण की रिपोर्ट विभाग के उ“ा अधिकारियों को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है। जिला मुख्यालय, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित करने और इनमें चौबीस घंटे कर्मचारी की ड्यूटी तैनात करने के निर्देश भी दिए गए हैं। 08 मई 2010, (rajasthan patrika)नरेगा श्रमिकों की सप्ताह में एक बार होगी स्वास्थ्य जांच 08 मई 2010,
++नरेगा योजना: राजस्थान में इलेक्ट्रोनिक मस्टरोल व्यवस्था लागू होगी
Posted On at by NREGA RAJASTHANजयपुर। नरेगा में अब पूरे राज्य में इलेक्ट्रोनिक मस्टरोल व्यवस्था लागू की जाएगी। अभी यह व्यवस्था जोधपुर एवं चूरू में प्रायोगिक तौर पर चल रही है। यह निर्णय शुक्रवार को यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में नरेगा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में किया गया। बैठक में अकाल प्रबंधन एवं भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्रों की स्थापना की प्रगति की समीक्षा भी की गई। बैठक में पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायत स्तर पर बनने वाले राजीव गांधी सेवा केन्द्रों का उपयोग नरेगा योजना में श्रमिकों को भुगतान के लिए तथा सहकारी आंदोलन को सुदृढ़ बनाने के लिए करने पर भी विचार किया गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजीव गांधी सेवा केन्द्रों के बहुआयामी उपयोग की आवश्यकता पर जोर देते हुए निर्देश दिए कि पंचायत समिति स्तर पर 15 अगस्त 2010 तथा ग्राम पंचायत स्तर पर 02 अक्टूबर 2010 तक राजीव गांधी सेवा केन्द्रों के निर्माण को सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने नरेगा योजना को अधिक प्रभावी एवं पारदर्शी तरीके से लागू करने पर जोर दिया। बैठक में नरेगा योजना के तहत भुगतान में विलंब के कारणों की समीक्षा के साथ ही भुगतान व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर भी विस्तार से चर्चा हुई। राजीव गांधी सेवा केन्द्रों का उपयोग भुगतान केन्द्र के रूप में करते हुए सहकारी आंदोलन को मजबूती प्रदान करने की जरूरत पर भी जोर दिया गया। आयुक्त नरेगा ने बैठक में बताया कि नरेगा मार्गदर्शिका में स्पष्ट निर्देश है कि कुशल एवं अर्द्घकुशल श्रमिकों की मजदूरी का भुगतान सामग्री मद से किया जा सकता है। राज्य सरकार ने सामग्री आपूर्ति के संबंध में भी व्यापक एवं स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हुए हैं। बैठक में पंचायतीराज मंत्री भरतसिंह, सहकारिता मंत्री परसादीलाल मीणा, सहकारिता राज्यमंत्री बृजेंद्र ओला, मुख्य सचिव टी. श्रीनिवासन, प्रमुख शासन सचिव वित्त सी. के. मैथ्यू, प्रमुख शासन सचिव ग्रामीण विकास सी. एस. राजन, प्रमुख शासन सचिव सहकारिता आर. के. मीणा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्रीमत पांडे, शासन सचिव, मुख्यमंत्री रजत मिश्र तथा पोस्ट मास्टर जनरल राजस्थान भी उपस्थित थे।07 मई , 2010