मनरेगा में भ्रष्टाचार पर सरकार की खिंचाई
Posted On at by NREGA RAJASTHANविस ॥ नई दिल्ली : सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरेगा का नाम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर मनरेगा करने और इस योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार का मामला उठाते हुए बीजेपी नेता प्रभात झा ने सरकार की खिंचाई की। राज्य सभा में बजट पर चर्चा के दौरान ने झा ने कहा कि अहिंसा और सचाई के प्रतीक बापू का नाम ऐसी योजना से नहीं जोड़ा जाना चाहिए था, जो भ्रष्टाचार के खेल में बदल चुकी हो। यह योजना जिस मकसद से शुरू की गई, वह पूरा नहीं हुआ। इसके जरिए करोड़ों रुपये ब्लैक मनी में बदल दिए गए हैं। अगर इसमें सबकुछ ठीक चल रहा था तो इसका बजट कम करने की क्या जरूरत थी।
नरेगा संवाद कार्यक्रम आयोजित
उदयपुर। जिले में संचालित महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के बेहतर संचालन कर अधिकाधिक लोगों को लाभान्वित करने एवं जन प्रतिनिधियों की शिकायतों को दूर करने के लिए शुक्रवार को जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिला परिषद सभागार में ‘‘नरेगा संवाद कार्यक्रम’’ आयोजित हुआ।
कार्यक्रम में जन प्रतिनिधियों से प्राप्त शिकायतों एवं योजना संचालन को लेकर जिला कलक्टर ने आवश्यक निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि उदयपुर जिले की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए वर्षाजल का अधिकाधिक उपयोग करना चाहिए। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों के भवनों पर टांका निर्माण कर भूजल स्तर का रीचार्ज किया जा सकता है।
इस अवसर पर प्राप्त शिकायतों का भी निराकरण किया गया। कार्यक्रम में जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं परियोजना अधिकारी नरेगा सहित पंचायतीराज संस्था के जन प्रतिनिधि एवं संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।
कार्यक्रम में जन प्रतिनिधियों से प्राप्त शिकायतों एवं योजना संचालन को लेकर जिला कलक्टर ने आवश्यक निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि उदयपुर जिले की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए वर्षाजल का अधिकाधिक उपयोग करना चाहिए। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों के भवनों पर टांका निर्माण कर भूजल स्तर का रीचार्ज किया जा सकता है।
इस अवसर पर प्राप्त शिकायतों का भी निराकरण किया गया। कार्यक्रम में जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं परियोजना अधिकारी नरेगा सहित पंचायतीराज संस्था के जन प्रतिनिधि एवं संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।
नरेगा में अनियमितता, सरपंच व ग्रामसेवक सहित चार पर जुर्माना
सीकर.लक्ष्मणगढ़ इलाके की भूमा बड़ा ग्राम पंचायत में नरेगा में अनियमितता का मामला सामने आया है। यहां सरपंच, ग्रामसेवक, रोजगार सहायक व सामान आपूर्ति करने वाली फर्म ने नियमों को ताक पर रख निविदा आमंत्रित किए बिना ही ग्रेवल की खरीद कर ली।
मामले की जांच के बाद नरेगा के लोकपाल ने इन चारों को दोषी मानते हुए एक- एक हजार रुपए का जुर्माना लगाकर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कलेक्टर को लिखा है। वहीं फर्म से वैट की वसूली की जाएगी।
नरेगा के लोकपाल युनूस अली खां ने बताया कि पिछले दिनों महेश कुमार ने लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति की भूमा बड़ा ग्राम पंचायत की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया कि वर्तमान सरपंच व ग्रामसेवक सहित अन्य ने मिलीभगत से दंतूजला- से ढ़ाका की ढाणी जाने वाली सड़क के लि गलत तरीके से ग्रेवल खरीद लिया, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ है।
इसके बाद लोकपाल ने एसडीएम, विकास अधिकारी व नरेगा के अधिशाषी अभियंता से मामले की जांच कराई। जांच में सामने आया कि ग्राम पंचायत ने बिना निविदा आमंत्रित कर सामान खरीद लिया। ग्राम पंचायत रजिस्टर्ड फर्म से सामान खरीदने के नियमों को भी ताक पर रख दिया।
जांच में सामने आया कि यहां रामकुमार फर्म से ग्राम पंचायत ने पहले 1056 घन मीटर ग्रेवल खरीदी। इसके बाद दुबारा 825 घन मीटर ग्रेवल खरीदी। ग्राम पंचायत ने रजिस्टर्ड फर्म नहीं होने के बाद भी फर्म को पहले आए माल का भुगतान भी कर दिया।
जांच में सरपंच, ग्रामसेवक, रोजगार सहायक व सामान आपूर्ति करने वाली फर्म को दोषी माना गया। इस पर लोकपाल ने चारों पर एक- एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
मामले की जांच के बाद नरेगा के लोकपाल ने इन चारों को दोषी मानते हुए एक- एक हजार रुपए का जुर्माना लगाकर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कलेक्टर को लिखा है। वहीं फर्म से वैट की वसूली की जाएगी।
नरेगा के लोकपाल युनूस अली खां ने बताया कि पिछले दिनों महेश कुमार ने लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति की भूमा बड़ा ग्राम पंचायत की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया कि वर्तमान सरपंच व ग्रामसेवक सहित अन्य ने मिलीभगत से दंतूजला- से ढ़ाका की ढाणी जाने वाली सड़क के लि गलत तरीके से ग्रेवल खरीद लिया, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ है।
इसके बाद लोकपाल ने एसडीएम, विकास अधिकारी व नरेगा के अधिशाषी अभियंता से मामले की जांच कराई। जांच में सामने आया कि ग्राम पंचायत ने बिना निविदा आमंत्रित कर सामान खरीद लिया। ग्राम पंचायत रजिस्टर्ड फर्म से सामान खरीदने के नियमों को भी ताक पर रख दिया।
जांच में सामने आया कि यहां रामकुमार फर्म से ग्राम पंचायत ने पहले 1056 घन मीटर ग्रेवल खरीदी। इसके बाद दुबारा 825 घन मीटर ग्रेवल खरीदी। ग्राम पंचायत ने रजिस्टर्ड फर्म नहीं होने के बाद भी फर्म को पहले आए माल का भुगतान भी कर दिया।
जांच में सरपंच, ग्रामसेवक, रोजगार सहायक व सामान आपूर्ति करने वाली फर्म को दोषी माना गया। इस पर लोकपाल ने चारों पर एक- एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।