सत्यापन पर ही मिलेगी मस्टररोल
Posted On at by NREGA RAJASTHANबैठक में ग्राम रोजगार सहायकों ने नरेगा कार्यों के दौरान होने वाली परेशानियां बताईं। जहांगीरपुर के सहायक सचिव राजाराम जाट ने समय पर मानदेय नहीं मिलने व सपोटरा में सहायकों को 4030 रुपए प्रतिमाह की अपेक्षा करौली में 3000 रुपए के अंतर पर आपत्ति जताते हुए मानदेय वृद्धि करने की मांग की। वहीं निरीक्षण की बात पर कहा कि जब वे कार्यों का एक से दूसरी बार निरीक्षण करते हैं तो उनकी सरपंचों द्वारा शिकायत की जाती है।
महोली ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक हाकिम सिंह ने बताया कि उनके निरीक्षण के बाद सरपंच ने शिकायत की और वे एक बार हट चुके हैं। इसके अलावा कई सचिवों ने मस्टररोल नहीं मिलने व पंचायत समिति कार्यालय में खुलेआम सुविधा शुल्क लेकर मस्टररोल जारी करने का आरोप लगाया।
वहीं कार्यक्रम अधिकारी मोरवाल ने रोजगार सहायक सचिवों को मुख्यालय स्थित कार्यालय छोडऩे पर कारण नोटिस बोर्ड पर लिखने तथा संचालित कार्यों के निरीक्षण करने की हिदायत दी। वहीं मस्टररोल जारी करने की प्रक्रिया में प्रपत्र 6 भरकर दिखाने व उसे सत्यापित करने की अनिवार्यता के बाद ही मस्टररोल जारी होने की बात कही।
सचिवों को फटकार
इसी कड़ी में नरेगा योजना के तहत अपना काम अपना खेत योजना में 20 ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव नहीं मिलने पर कार्यक्रम अधिकारी ने कई सचिवों को फटकार लगाई। बैठक में जहांगीरपुर ग्राम पंचायत कार्यालय पर हो रहे अतिक्रमण को हटवाने का सचिव बद्रीलाल को नोटिस देने के निर्देश दिए। इस दौरान पंचायत समिति के एईएन विनोद अग्रवाल, सुशील कुमार सहित कई जने उपस्थित थे। हालांकि करौली की 45 ग्राम पंचायतों के कई सचिव व सहायकों ने भाग नहीं लिया जिससे बैठक औपचारिकता पूर्वक संपन्न हुई।
श्रमिकों को नहीं 'सवैतनिक छुट्टी'
Posted On at by NREGA RAJASTHANभीलवाड़ा। कारखाने हो या निजी प्रतिष्ठान, हर जगह भले ही श्रमिक को छह दिन काम करने के बाद एक दिन का सवैतनिक अवकाश मिलता हो, लेकिन करोड़ों लोगों को रोजगार से जोड़ने वाली महात्मा गांधी नरेगा में ऎसा नहीं हो सकेगा। केन्द्र सरकार ने कानूनी प्रावधानों का हवाला देते हुए नरेगा श्रमिकों को छह दिन काम करने के बाद सवैतनिक अवकाश देने में फिलहाल असमर्थता जता दी है। इस सम्बन्ध में केन्द्र सरकार की ओर से सभी राज्य सरकारों को स्पष्टीकरण भी भेजा गया है। इसके बाद सोमवार को राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने सभी जिला कलक्टरों को पत्र भेजकर इस बारे में स्थिति स्पष्ट कर दी।
विभाग के अतिरिक्त आयुक्त (प्रथम) एनके गुप्ता ने जिला कलक्टरों को नरेगा में छह कार्यदिवस के बाद सवैतनिक अवकाश के बारे में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से 16 दिसम्बर को जारी पत्र के अनुसार कार्रवाई करने के लिए कहा है। मंत्रालय के अवर सचिव पीएन शुक्ला ने पत्र में बताया कि कुछ राज्य सरकारों ने छह कार्यदिवस के बाद सवैतनिक अवकाश देने के बारे में स्पष्टीकरण मांगा था।
मंत्रालय ने इस सम्बन्ध में प्रावधानों का परीक्षण करने के बाद पाया कि ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा के उद्देश्य से चल रही नरेगा योजना में एक वित्तीय वर्ष में स्वैच्छिक आधार पर एक परिवार को अधिकतम 100 दिन रोजगार उपलब्ध कराना है। इस आधार पर नरेगा अधिनियम में श्रमिकों के लिए सवैतनिक अवकाश का प्रावधान नहीं है। मंत्रालय ने प्रावधानों के अनुरूप कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
मनरेगा संविदा कार्मिकों ने निकाली रैली
Posted On at by NREGA RAJASTHANमनरेगा संविदा कार्मिक संघ जिलाध्यक्ष विनोदकुमार पारीक के नेतृत्व में शहर में महाराणा प्रताप सेतु मार्ग स्थित कुमावतों के नोहरे से रैली रवाना हुई। रास्ते में ये कार्मिक राज्य सरकार से नियमित करने की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए चल रहे थे। रैली कलेक्ट्री चौराहा पहुंची। यहां संघ पदाधिकारियों ने रैली को संबोधित करते हुए वर्ष 2006-07 से कार्यरत मनरेगा संविदा कार्मिकों को नियमित करने की मांग की।