सामग्री खरीद के संबंध में पंचायतीराज नियमों में संशोधन
Posted On at by NREGA RAJASTHANजयपुर । राज्य सरकार ने पंचायतराज संस्थाओं में सामग्री खरीद के संबंध में विकेन्द्रीकृत करते हुये नियमों में संशोधन कर जिला स्तर के स्थान पर पंचायत समिति स्तर पर दर अनुसूची (बीएसआर) बनाये जाने का प्रावधान किया है।
महात्मा गांधी नरेगा के आयुक्त एवं शासन सचिव, तन्मय कुमार ने बताया कि पंचायत समिति स्तर पर बनने वाली बीएसआर विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा तैयार की जायेगी एवं इसका अनुमोदन पूर्व की भांति जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा ही किया जायेगा। बीएसआर की दरे संदर्भ दर होती है एवं वास्तविक खरीद का कार्य निविदादाताओं की अनुमोदित दरों पर ही किया जाता है, जो कि बीएसआर दरों से कम या अधिक हो सकती है।
उन्होंने बताया कि, ग्राम पंचायत द्वारा आमंत्रित की जाने वाली निविदाओं के निस्तारण हेतु नियम 186 के अंतर्गत गठित कमेटी में ग्राम पंचायतों में लेखा एवं तकनीकी कर्मी नहीं होने के कारण नियमों में संशोधन कर पंचायत समिति में कार्यरत जेईएन एवं लेखाकार को अनिवार्य रूप से शामिल किया गया है। इसके साथ ही समिति की बैठक ग्राम पंचायत पर करने के अतिरिक्त ग्राम पंचायत की सहमति से पंचायत समिति पर भी किये जाने का एक अतिरिक्त विकल्प दिया गया है। निविदा अनुमोदन का अधिकार सरपंच की अध्यक्षता में गठित समिति को ही है।
पंचायतराज संस्थाओं के नियमों में एक हजार रूपये से अधिक के भुगतान चैक से ही किये जाने का प्रावधान है। विभाग द्वारा कुशल एवं अर्द्घ कुशल श्रमिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुये भुगतान रेखांकित चैक के स्थान पर बीयरर चैक से किये जाने के संबंध में आदेश पूर्व में ही 0 9.0 9.10 को जारी किये जा चुके है।
महात्मा गांधी नरेगा के आयुक्त एवं शासन सचिव, तन्मय कुमार ने बताया कि पंचायत समिति स्तर पर बनने वाली बीएसआर विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा तैयार की जायेगी एवं इसका अनुमोदन पूर्व की भांति जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा ही किया जायेगा। बीएसआर की दरे संदर्भ दर होती है एवं वास्तविक खरीद का कार्य निविदादाताओं की अनुमोदित दरों पर ही किया जाता है, जो कि बीएसआर दरों से कम या अधिक हो सकती है।
उन्होंने बताया कि, ग्राम पंचायत द्वारा आमंत्रित की जाने वाली निविदाओं के निस्तारण हेतु नियम 186 के अंतर्गत गठित कमेटी में ग्राम पंचायतों में लेखा एवं तकनीकी कर्मी नहीं होने के कारण नियमों में संशोधन कर पंचायत समिति में कार्यरत जेईएन एवं लेखाकार को अनिवार्य रूप से शामिल किया गया है। इसके साथ ही समिति की बैठक ग्राम पंचायत पर करने के अतिरिक्त ग्राम पंचायत की सहमति से पंचायत समिति पर भी किये जाने का एक अतिरिक्त विकल्प दिया गया है। निविदा अनुमोदन का अधिकार सरपंच की अध्यक्षता में गठित समिति को ही है।
पंचायतराज संस्थाओं के नियमों में एक हजार रूपये से अधिक के भुगतान चैक से ही किये जाने का प्रावधान है। विभाग द्वारा कुशल एवं अर्द्घ कुशल श्रमिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुये भुगतान रेखांकित चैक के स्थान पर बीयरर चैक से किये जाने के संबंध में आदेश पूर्व में ही 0 9.0 9.10 को जारी किये जा चुके है।
मौके पर मौजूद नहीं फिर भी हाजिरी, नरेगा में पकड़ा फर्जीवाड़ा
Posted On at by NREGA RAJASTHANसीकर. जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों में नरेगा में फर्जीवाड़ा रोकने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को श्रीमाधोपुर इलाके के जुगराजपुरा गांव में नरेगा के तहत हो रहे तालाब खुदाई कार्य के दौरान तीन मजदूरों के मौके पर मौजूद नहीं होने के बाद भी हाजिरी भरी मिली।
इस पर जिला परिषद के एसीईओ ने तीनों मजदूरों की अनुपस्थिति लगाकर उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी है। श्रीमाधोपुर इलाके के जुगराजपुरा गांव में पिछले कई दिनों से नरेगा के तहत तालाब खुदाई का कार्य चल रहा है। रविवार को जिला परिषद के एसीईओ जीएल कटारिया ने नरेगा कार्य का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उपस्थिति रजिस्टर में 25 मजदूरों की हाजिरी लगी हुई थी। इस पर एसीईओ ने जब मौके पर मौजूद मजदूरों की गिनती की तो तीन मजदूर कम मिले।
इस दौरान जब एसीईओ ने मेट से तीन मजदूरों के बारे पूछा तो वह चुप हो गया। जांच में सामने आया कि एक महिला मजदूर के तो पिछले तीन दिनों से नहीं आने के बाद भी रजिस्टर में हाजिरी लगी हुई मिली। इसके बाद एसीईओ ने तीनों नदारद मजदूरों की गैरहाजिर लगा दी। वहीं कार्रवाई के लिए रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी है। प्रारंभिक जांच में मेट के साथ कई कार्मिकों को दोषी माना गया है।
इस पर जिला परिषद के एसीईओ ने तीनों मजदूरों की अनुपस्थिति लगाकर उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी है। श्रीमाधोपुर इलाके के जुगराजपुरा गांव में पिछले कई दिनों से नरेगा के तहत तालाब खुदाई का कार्य चल रहा है। रविवार को जिला परिषद के एसीईओ जीएल कटारिया ने नरेगा कार्य का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उपस्थिति रजिस्टर में 25 मजदूरों की हाजिरी लगी हुई थी। इस पर एसीईओ ने जब मौके पर मौजूद मजदूरों की गिनती की तो तीन मजदूर कम मिले।
इस दौरान जब एसीईओ ने मेट से तीन मजदूरों के बारे पूछा तो वह चुप हो गया। जांच में सामने आया कि एक महिला मजदूर के तो पिछले तीन दिनों से नहीं आने के बाद भी रजिस्टर में हाजिरी लगी हुई मिली। इसके बाद एसीईओ ने तीनों नदारद मजदूरों की गैरहाजिर लगा दी। वहीं कार्रवाई के लिए रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी है। प्रारंभिक जांच में मेट के साथ कई कार्मिकों को दोषी माना गया है।