**Tuesdya_NREGA NEW's
Posted On at by NREGA RAJASTHANमहानरेगा में नए वित्तीय वर्ष के कार्य वितरण को लेकर कार्य योजना पर ही प्रश्न चिह्नï लगने लगे हंै। मूल पंचायत विभाग से अधिक कार्यों का आवंटन सहयोगी कार्यकारी एजेंसियों को थमाए जा रहे हैं। इसके विरोध में एक तरफ सरपंचों के स्वर मुखर हो रहे हैं तो तय कार्यकारी एजेंसियां स्टाफ की कमी के कारण पशोपेश में हैं कि आखिर काम कैसे होंगे।
नरेगा एक्ट के प्रावधानों में पंचायतीराज विभाग के माध्यम से 55 प्रतिशत काम करवाने की व्यवस्था है। एक्ट की व्यवस्था के अनुसार काम वितरण की बानगी सुवाणा पंचायत समिति क्षेत्र की 34 ग्राम पंचायतों में देखने को मिली है। पंचायतीराज संस्थाओं के खातों में 30 प्रतिशत काम ही आ पाए हैं। अन्य विभागों को नरेगा में कार्यकारी एजेंसी बना कर 15 प्रतिशत की हिस्सेदारी दी जा सकती है। यहां ग्राम सभा में स्वीकृत कामों के सर्वसम्मति से पास प्रस्तावों को भी हवा में उड़ाया जा रहा है।
किसका कितना हिस्सा
कार्यकारी संस्था काम की संख्या कुल राशि
पंचायतीराज संस्थाएं 970 30.43
सा. निर्माण विभाग 517 45.01
जल संसाधन विभाग 268 22.10
वन विभाग 73 2.46
कुल 1828 100
पहले ही स्टाफ नहीं, कैसे
होंगे काम
राजस्थान बीज निगम के निदेशक भैरूलाल जाट ने बताया कि पहले ही विभागों के पास स्टाफ की कमी चल रही है। ऐसे में काम कैसे पूरे होंगे। क्षेत्र में जल संसाधन विभाग का एकमात्र काम सुवाणा एनीकट की मरम्मत का चल रहा है। यही हाल पीडब्ल्यूडी का भी है। शिकायत सीएम,पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री को की है। पूर्व प्रधान शिवसिंह शक्तावत और सरपंच मिनाक्षी कंवर भी इस संबंध में आपत्ति जता चुके हैं।
पहले के लक्ष्य ही नहीं किए पूरे
पंचायतों की 2008-09 और 09-10 की प्रगति को देखते हुए बदलाव किया है। दोनों सालों में क्रमश: 52 व 46 प्रतिशत ही प्रगति हुई। एक्सईएन नरेगा आईजी नीमेश ने बताया कि सरकार के निर्देश है कि वाटर स्ट्रक्चर और सड़कों के काम विभागों से करवाएं जाए। पत्र का जवाब भेज दिया गया है। वैसे कार्य योजना पंचायत समिति प्रशासन द्वारा बनाई गई है।