ग्रेवल सड़कों की जांच होगी
Posted On at by NREGA RAJASTHANजोधपुर. नरेगा के तहत पिछले दो साल में बनी सभी ग्रेवल सड़कों की गुणवत्ता की जांच की जाएगी। ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग ने नरेगा, डीआरडीए व भूसंरक्षण के अभियंताओं को इन सड़कों की जांच करने के निर्देश दिए हैं। अभियंता मौके पर जाकर सड़कों की मोटाई चैक करेंगे।
सरकार ने गुणवत्ता की यह रिपोर्ट 20 जून तक भेजने के निर्देश दिए हैं। नरेगा में पिछले दो साल में ज्यादातर कच्चे काम के रूप में ग्रेवल सड़कों का निर्माण हुआ है। यह काम पीडब्ल्यूडी व पंचायत दोनों ने करवाया था। नाडी की खुदाई से ग्रेवल निकाल कर बिछाने तक का काम श्रम मद में ही हुआ है।
ग्रेवल सड़कों के निर्माण में शिकायतें आ रही थीं, इसलिए ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग सभी जिलों में 30 सितंबर 2010 से पहले बनी ग्रेवल सड़कों की गुणवत्ता चैक करने के निर्देश दिए हैं। जिला परिषद के सीईओ व नरेगा एडीपीसी को दिए निर्देश में कहा गया कि नरेगा, डीआरडीए व भूसंरक्षण विभाग के एक्सईएन जिले की कोई भी दो ग्रेवल सड़कों की जांच करेंगे तथा एईएन पंचायत समितियों की सड़कों को चैक करेंगे।
250 मीटर तक खुदाई करनी होगी: एक्सईएन व एईएन दो-दो ग्रेवल सड़कों की जांच करेंगे। गुणवत्ता की जांच के लिए 250 मीटर लंबाई तक सड़क की खुदाई करवा कर ग्रेवल सड़क की मोटाई देखेंगे। तैयार ग्रेवल सड़क की मोटाई लगभग 6 इंच होनी चाहिए, इससे कम मोटाई वाली ग्रेवल सड़क का काम निम्न स्तर का माना जाता है।
पहले भी करवाई थी जांच: सरकार ने करीब एक साल पहले सभी ग्रेवल सड़कों की गुणवत्ता चैक कराई थी। पिछली सरकार में घटिया ग्रेवल सड़कें बनाने की शिकायतें ज्यादा थीं। उस पर ऑडिट पैरा भी बने थे। सरकार ने विभिन्न एजेंसियों के अभियंताओं को इस काम में लगा कर संबंधित जिम्मेदार से वसूली भी की थी।
सरकार ने गुणवत्ता की यह रिपोर्ट 20 जून तक भेजने के निर्देश दिए हैं। नरेगा में पिछले दो साल में ज्यादातर कच्चे काम के रूप में ग्रेवल सड़कों का निर्माण हुआ है। यह काम पीडब्ल्यूडी व पंचायत दोनों ने करवाया था। नाडी की खुदाई से ग्रेवल निकाल कर बिछाने तक का काम श्रम मद में ही हुआ है।
ग्रेवल सड़कों के निर्माण में शिकायतें आ रही थीं, इसलिए ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग सभी जिलों में 30 सितंबर 2010 से पहले बनी ग्रेवल सड़कों की गुणवत्ता चैक करने के निर्देश दिए हैं। जिला परिषद के सीईओ व नरेगा एडीपीसी को दिए निर्देश में कहा गया कि नरेगा, डीआरडीए व भूसंरक्षण विभाग के एक्सईएन जिले की कोई भी दो ग्रेवल सड़कों की जांच करेंगे तथा एईएन पंचायत समितियों की सड़कों को चैक करेंगे।
250 मीटर तक खुदाई करनी होगी: एक्सईएन व एईएन दो-दो ग्रेवल सड़कों की जांच करेंगे। गुणवत्ता की जांच के लिए 250 मीटर लंबाई तक सड़क की खुदाई करवा कर ग्रेवल सड़क की मोटाई देखेंगे। तैयार ग्रेवल सड़क की मोटाई लगभग 6 इंच होनी चाहिए, इससे कम मोटाई वाली ग्रेवल सड़क का काम निम्न स्तर का माना जाता है।
पहले भी करवाई थी जांच: सरकार ने करीब एक साल पहले सभी ग्रेवल सड़कों की गुणवत्ता चैक कराई थी। पिछली सरकार में घटिया ग्रेवल सड़कें बनाने की शिकायतें ज्यादा थीं। उस पर ऑडिट पैरा भी बने थे। सरकार ने विभिन्न एजेंसियों के अभियंताओं को इस काम में लगा कर संबंधित जिम्मेदार से वसूली भी की थी।