मनरेगा में कमीशनखोरी मजदूरों को नहीं होगा भुगतान
Source: bhaskar news
रायपुर.महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार योजना के जरिए मजदूरों को काम न मिलने से होने वाले पलायन, महीनों मजदूरी का भुगतान न होने, योजना में कमीशनखोरी आदि को लेकर विपक्ष ने पंचायत मंत्री रामविचार को घेरा। सदस्यों ने सरकार से मांग की कि मजदूरी भुगतान में लेट-लतीफी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई जाए।
विधानसभा में कांग्रेस के डॉ. हरिदास भारद्वाज ने प्रश्नकाल में यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि योजना के लिए केंद्र सरकार से मिली राशि का उपयोग नहीं होने से लोगों को पलायन करना पड़ रहा है। सरकार को योजना का प्रचार करना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा कि पंचायत मंत्री रामविचार नेताम के क्षेत्र जनकपुर में ही सात महीनों से ग्रामीणों को मजदूरी नहीं मिली है।
जब समय पर पैसा नहीं मिले तो ऐसी योजना का कोई लाभ नहीं। उन्होंने पूरी योजना की मॉनिटरिंग करने के लिए इसका कंप्यूटराइजेशन करने और कंट्रोल रूम खोलने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष रविंद्र चौबे ने कहा कि योजना में 20 प्रतिशत कमीशनखोरी चल रही है। धमतरी, दुर्ग, कवर्धा आदि जिलों के कलेक्टरों ने अपनी मर्जी से योजना के काम करवाए हैं। 580 करोड़ रुपए का उपयोग विभाग नहीं कर सका है।
डिमांड बेस्ड स्कीम जनप्रतिनिधियों की बजाए सीईओ के ऑर्डर बेस्ड स्कीम बन गई है। काम के अभाव में लोग पलायन कर रहे हैं। उन्होंने एक्शन प्लान बनाने की मांग की। अमितेष शुक्ल ने कहा कि समय पर भुगतान न करने वाले बैंक व पोस्ट आफिस के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर करवाई जाए। ताम्रध्वज साहू ने जॉब कार्ड में कंट्रोल रूम का फोन नंबर छपवाने का सुझाव दिया।
समय पर भुगतान की कोशिश होगी
पंचायत मंत्री ने कहा कि मजदूरों को भुगतान केंद्र सरकार के नार्म्स के तहत किया जाता है। बैंक व पोस्ट आफिस की प्रक्रिया में विलंब हो जाता है। विभाग की हेल्पलाइन के टोल फ्री फोन नंबर 1800-2332425 पर फोन करके मजदूरी न मिलने की शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। दो अप्रैल को वे विभाग की समीक्षा करेंगे। इसमें स्टाप डैम, लाइनिंग, डब्ल्यूबीएम सड़कों का निर्माण अधिक से अधिक करवाने के प्रयास होंगे।
रायपुर.महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार योजना के जरिए मजदूरों को काम न मिलने से होने वाले पलायन, महीनों मजदूरी का भुगतान न होने, योजना में कमीशनखोरी आदि को लेकर विपक्ष ने पंचायत मंत्री रामविचार को घेरा। सदस्यों ने सरकार से मांग की कि मजदूरी भुगतान में लेट-लतीफी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई जाए।
विधानसभा में कांग्रेस के डॉ. हरिदास भारद्वाज ने प्रश्नकाल में यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि योजना के लिए केंद्र सरकार से मिली राशि का उपयोग नहीं होने से लोगों को पलायन करना पड़ रहा है। सरकार को योजना का प्रचार करना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा कि पंचायत मंत्री रामविचार नेताम के क्षेत्र जनकपुर में ही सात महीनों से ग्रामीणों को मजदूरी नहीं मिली है।
जब समय पर पैसा नहीं मिले तो ऐसी योजना का कोई लाभ नहीं। उन्होंने पूरी योजना की मॉनिटरिंग करने के लिए इसका कंप्यूटराइजेशन करने और कंट्रोल रूम खोलने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष रविंद्र चौबे ने कहा कि योजना में 20 प्रतिशत कमीशनखोरी चल रही है। धमतरी, दुर्ग, कवर्धा आदि जिलों के कलेक्टरों ने अपनी मर्जी से योजना के काम करवाए हैं। 580 करोड़ रुपए का उपयोग विभाग नहीं कर सका है।
डिमांड बेस्ड स्कीम जनप्रतिनिधियों की बजाए सीईओ के ऑर्डर बेस्ड स्कीम बन गई है। काम के अभाव में लोग पलायन कर रहे हैं। उन्होंने एक्शन प्लान बनाने की मांग की। अमितेष शुक्ल ने कहा कि समय पर भुगतान न करने वाले बैंक व पोस्ट आफिस के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर करवाई जाए। ताम्रध्वज साहू ने जॉब कार्ड में कंट्रोल रूम का फोन नंबर छपवाने का सुझाव दिया।
समय पर भुगतान की कोशिश होगी
पंचायत मंत्री ने कहा कि मजदूरों को भुगतान केंद्र सरकार के नार्म्स के तहत किया जाता है। बैंक व पोस्ट आफिस की प्रक्रिया में विलंब हो जाता है। विभाग की हेल्पलाइन के टोल फ्री फोन नंबर 1800-2332425 पर फोन करके मजदूरी न मिलने की शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। दो अप्रैल को वे विभाग की समीक्षा करेंगे। इसमें स्टाप डैम, लाइनिंग, डब्ल्यूबीएम सड़कों का निर्माण अधिक से अधिक करवाने के प्रयास होंगे।