MGNREGA
Posted On at by NREGA RAJASTHANMGNREGA Meकम्प्यूटर ऑपरेटर मय मशिन का अनुबंध प्रपत्र अन्य कार्मिकों के समान होते हुए भी 10 प्रतिशत व़द्वी नहीं हो रही डिटेल के लिए क्लिक करें
इसलिए कम्प्यूटर ऑपरेटर अपने मोबाईल नम्बर मय नाम ग्राम पंचायत सहित विवरण ते ताकि आपस में सम्पर्क हो सके विवरण देने के लिए किल्क करें
MGNREGA
नरेगा में खर्चा पूरा, हिसाब अधूरा, केंद्र ने रोका पैसा
Posted On at by NREGA RAJASTHANजयपुर.नरेगा में खर्च की जाने वाली राशि की सही एंट्री एमआईएस (मंथली इंफॉर्मेशन सिस्टम) में नहीं होने से केन्द्र सरकार ने राज्य को आगे राशि देने से इंकार कर दिया है। एमआईएस की अनिवार्यता होने के बावजूद कई जिलों ने इसकी पालना नहीं की। इसके चलते खर्च की गई राशि फर्क आ रहा है।
राज्य की एमपीआर (मंथली प्रोग्रेस रिपोर्ट) के अनुसार नरेगा में अब तक 1,82,592.31 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं,जबकि एमआईएस में सिर्फ 1,61,527.58 लाख रुपए ही दर्शाए गए हैं।
केंद्र ने रोका पैसा
प्रदेश में नरेगा के लिए उपलब्ध कुल राशि 228900.45 लाख रुपए में से वास्तव में खर्च 52.2 प्रतिशत हो चुका है, जबकि एमआईएस में 46.2 प्रतिशत का ही हिसाब दर्ज है। केंद्र सरकार इसी को आधार मानकर आगे के लिए पैसा जारी करता है। खर्च का पूरा ब्यौरा दर्ज नहीं होने से केंद्र सरकार ने राज्य को आगे की राशि देने से इनकार कर दिया है। इससे आगे होने वाले कामों पर असर पड़ सकता है।
यहां नहीं हो रही एंट्री
नागौर, करौली, प्रतापगढ़, भरतपुर और बांसवाड़ा जैसे जिलों में खर्च हो एंट्री में 45 से 17 प्रतिशत तक का फर्क नजर आ रहा है। वहीं, भीलवाड़ा, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झुंझुनूं, कोटा, पाली, राजसमंद और सिरोही ऐसे जिले हैं, जहां एमआईएस में एमपीआर से ज्यादा एंट्री दर्शाई गई है।
ये कारण बताए
नरेगा के परियोजना अधिकारी रामनिवास मेहता का कहना है कि जिलों के संबंधित अधिकारियों को कई बार एमआईएस में नियमित एंट्री के लिए कहा जाता है, लेकिन पालना नहीं होती। करौली, प्रतापगढ़ जैसे जिलों में कनेक्टिीविटी की समस्या है तो कुछ अन्य जिलों में स्टाफ की।
Source: bhaskar news
राज्य की एमपीआर (मंथली प्रोग्रेस रिपोर्ट) के अनुसार नरेगा में अब तक 1,82,592.31 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं,जबकि एमआईएस में सिर्फ 1,61,527.58 लाख रुपए ही दर्शाए गए हैं।
केंद्र ने रोका पैसा
प्रदेश में नरेगा के लिए उपलब्ध कुल राशि 228900.45 लाख रुपए में से वास्तव में खर्च 52.2 प्रतिशत हो चुका है, जबकि एमआईएस में 46.2 प्रतिशत का ही हिसाब दर्ज है। केंद्र सरकार इसी को आधार मानकर आगे के लिए पैसा जारी करता है। खर्च का पूरा ब्यौरा दर्ज नहीं होने से केंद्र सरकार ने राज्य को आगे की राशि देने से इनकार कर दिया है। इससे आगे होने वाले कामों पर असर पड़ सकता है।
यहां नहीं हो रही एंट्री
नागौर, करौली, प्रतापगढ़, भरतपुर और बांसवाड़ा जैसे जिलों में खर्च हो एंट्री में 45 से 17 प्रतिशत तक का फर्क नजर आ रहा है। वहीं, भीलवाड़ा, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झुंझुनूं, कोटा, पाली, राजसमंद और सिरोही ऐसे जिले हैं, जहां एमआईएस में एमपीआर से ज्यादा एंट्री दर्शाई गई है।
ये कारण बताए
नरेगा के परियोजना अधिकारी रामनिवास मेहता का कहना है कि जिलों के संबंधित अधिकारियों को कई बार एमआईएस में नियमित एंट्री के लिए कहा जाता है, लेकिन पालना नहीं होती। करौली, प्रतापगढ़ जैसे जिलों में कनेक्टिीविटी की समस्या है तो कुछ अन्य जिलों में स्टाफ की।
Source: bhaskar news
Online Earn Money- Click Heae
Visit Us for News- http://mybestinfo.co.cc
मनरेगा के तहत अब शौचालय बनाने की भी स्वीकृति
गरीब परिवारों, स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी बनाए जा सकेंगे शौचालय
केन्द्र शासन ने जारी की अधिसूचना
रायपुर, 21 अक्टूबर 2011
छत्तीसगढ़ सहित अनेक राज्यों की मांग पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत अब गरीब परिवारों, स्कूलों और आंगन बाड़ी केन्द्रों में शौचालय निर्माण की अनुमति मिल गई है। केन्द्र शासन ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। सचिव, लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी श्री आर.एस.विश्वकर्मा ने बताया कि इस आदेश के जारी होने से प्रदेश में संपूर्ण स्वच्छता अभियान को और अधिक गति मिलेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में साफ-सफाई रखने और जनता की सुविधा के लिए गए इस निर्णय से गांवों में गरीब परिवारों के घरों में, स्कूलों में, आंगन बाड़ी केन्द्रों और कम्यूनिटी शौचालय मनरेगा के मद से बनाए जा सकेंगे। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय से 30 सितंबर को जारी अधिसूचना में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 की धारा 29 में इस संबंध में संशोधन किया गया है।
MGNrega News
Posted On at by NREGA RAJASTHANMGNrega News, MGNrega News, MGNrega News, MGNrega News, MGNrega News,
कम्प्यूटर ऑपरेटर मय मशिन का अनुबंध प्रपत्र अन्य कार्मिकों के समान होते हुए भी 10 प्रतिशत व़द्वी क्यों नहीं .....
कम्प्यूटर ऑपरेटर अपने मोबाईल नम्बर मय नाम ग्राम पंचायत सहित Comment के लिए किल्क करें