बीडीओ व जनसेवक पर गबन का मुकदमा
Posted On at by NREGA RAJASTHANगोरौल, निज प्रतिनिधि : उप विकास आयुक्त के निर्देश पर मनरेगा योजना में वित्तीय अनियमितता को लेकर गोरौल के तत्कालीन प्रखंड कल्याण पदाधिकारी तथा वर्तमान में जहानाबाद जिले के काको प्रखंड में पदस्थापित बीडीओ राजेश वर्मा सहित एक पूर्व जनसेवक पर प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी गुंजन कुमारी ने गोरौल थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है। बताया गया है कि मनरेगा अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2006-07 एवं 2007-08 के विभिन्न योजनाओं के प्रखंड कल्याण पदाधिकारी राजेश वर्मा एवं जनसेवक सुरेश प्रसाद सिंह अभिकर्ता थे। विभिन्न योजनाओं पर अग्रिम के विरुद्ध अभिलेख विपत्र जमा नहीं किया है। जिससे आज तक राशि का समायोजन नहीं हो पा रहा है। मनरेगा कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार उक्त दोनों अभिकर्ता 69 योजनाओं के विरुद्ध अग्रिम राशि की प्राप्ति किये जाने के बावजूद आज तक विपत्र जमा नहीं किये। सभी योजनाओं पर करीब 20 लाख रुपये की निकासी सरकारी खजाने से की गयी। कुछ योजनाओं पर अधूरे काम किये गये लेकिन शेष राशि को अभी तक जमा नहीं किये गये।
रायपुर। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना में यदि भ्रष्टाचार हुआ तो प्रथम दृष्टया आपराधिक मंशा पाए जाने पर सीबीआई से जांच कराई जाएगी। गैर आपराधिक या सिस्टम की विफलता की चूक होने पर केंद्रीय मंत्रालय के अधिकारी जांच करेंगे। प्रतिकूल परिस्थितियों में कलेक्टरों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने कलेक्टरों को हाल में जारी एक परिपत्र में यह स्पष्ट किया है कि मनरेगा के नियमों का कड़ाई से पालन नहीं किया गया तो योजना की राशि पर रोक लगा दी जाएगी। इसी से संबंधित धारा 27 (1) का कड़ाई से पालन करने कलेक्टरों से कहा गया है। योजना की राशि का अनुचित प्रयोग के संबंध में शिकायत मिलने पर कोई मामला बनता है तो शिकायत की जांच करवाई जाएगी।
जरूरी हुआ तो योजना की राशि भी रोक दी जाएगी। तय समय में इसके उचित क्रियान्वयन के प्रयास किए जाएंगे। केंद्रीय मंत्रालय के अफसरों के दौरों, केंद्रीय रोजगार गारंटी परिषद, राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी सदस्य, आडिट टीम, मीडिया रिपोर्ट के आधार पर क्रियान्वयन में विसंगति पाए जाने पर भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
कलेक्टरों से कहा गया है कि अधिनियम के उल्लंघन तथा चूक के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ धारा 25 के तहत कार्रवाई करें। ऐसी परिस्थिति में केंद्र सरकार जरूरी होने पर धारा 25 (2) में दी गई शक्तियों का उपयोग करते हुए योजना की राशि पर रोक लगा देगी। इस दौरान योजना तथा बेरोजगारी भत्ते के भुगतान की राशि का वहन राज्य सरकार करेगी।
कड़ाई होगी इस तरह
> केंद्र सरकार स्वतंत्र सूत्रों से शिकायतों के बारे में पूछताछ करेगी।
> आरोपों की जांच कर रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजेगी कि वह दो हफ्ते में कार्रवाई करे।
> राज्य से कार्रवाई की रिपोर्ट मिलने पर केंद्र की स्क्रीनिंग कमेटी रिपोर्ट की जांच कराएगी।
> राज्य की रिपोर्ट संतोषजनक न होने पर सीबीआई या केंद्रीय मंत्रालय के अफसरों को जांच सौंपी जाएगी।
> सीबीआई जांच होने पर संबंधित अफसरों को मनरेगा से हटाकर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
> यदि राज्य सरकार ऐसा नहीं करती तो योजना की राशि पर रोक लगा दी जाएगी।
> केंद्रीय अफसरों द्वारा की जा रही जांच होने तक भी राशि रोक दी जाएगी
> राज्य सरकार को तय अवधि में सिस्टम में सुधार करना होगा।
> राज्य सरकार के सुधार के उपायों से संतुष्ट होने पर केंद्र सरकार फिर से राशि जारी कर सकेगी.
Source: भास्कर न्यूज
मनरेगा की होगी सीबीआई जांच
रायपुर। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना में यदि भ्रष्टाचार हुआ तो प्रथम दृष्टया आपराधिक मंशा पाए जाने पर सीबीआई से जांच कराई जाएगी। गैर आपराधिक या सिस्टम की विफलता की चूक होने पर केंद्रीय मंत्रालय के अधिकारी जांच करेंगे। प्रतिकूल परिस्थितियों में कलेक्टरों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने कलेक्टरों को हाल में जारी एक परिपत्र में यह स्पष्ट किया है कि मनरेगा के नियमों का कड़ाई से पालन नहीं किया गया तो योजना की राशि पर रोक लगा दी जाएगी। इसी से संबंधित धारा 27 (1) का कड़ाई से पालन करने कलेक्टरों से कहा गया है। योजना की राशि का अनुचित प्रयोग के संबंध में शिकायत मिलने पर कोई मामला बनता है तो शिकायत की जांच करवाई जाएगी।
जरूरी हुआ तो योजना की राशि भी रोक दी जाएगी। तय समय में इसके उचित क्रियान्वयन के प्रयास किए जाएंगे। केंद्रीय मंत्रालय के अफसरों के दौरों, केंद्रीय रोजगार गारंटी परिषद, राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी सदस्य, आडिट टीम, मीडिया रिपोर्ट के आधार पर क्रियान्वयन में विसंगति पाए जाने पर भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
कलेक्टरों से कहा गया है कि अधिनियम के उल्लंघन तथा चूक के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ धारा 25 के तहत कार्रवाई करें। ऐसी परिस्थिति में केंद्र सरकार जरूरी होने पर धारा 25 (2) में दी गई शक्तियों का उपयोग करते हुए योजना की राशि पर रोक लगा देगी। इस दौरान योजना तथा बेरोजगारी भत्ते के भुगतान की राशि का वहन राज्य सरकार करेगी।
कड़ाई होगी इस तरह
> केंद्र सरकार स्वतंत्र सूत्रों से शिकायतों के बारे में पूछताछ करेगी।
> आरोपों की जांच कर रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजेगी कि वह दो हफ्ते में कार्रवाई करे।
> राज्य से कार्रवाई की रिपोर्ट मिलने पर केंद्र की स्क्रीनिंग कमेटी रिपोर्ट की जांच कराएगी।
> राज्य की रिपोर्ट संतोषजनक न होने पर सीबीआई या केंद्रीय मंत्रालय के अफसरों को जांच सौंपी जाएगी।
> सीबीआई जांच होने पर संबंधित अफसरों को मनरेगा से हटाकर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
> यदि राज्य सरकार ऐसा नहीं करती तो योजना की राशि पर रोक लगा दी जाएगी।
> केंद्रीय अफसरों द्वारा की जा रही जांच होने तक भी राशि रोक दी जाएगी
> राज्य सरकार को तय अवधि में सिस्टम में सुधार करना होगा।
> राज्य सरकार के सुधार के उपायों से संतुष्ट होने पर केंद्र सरकार फिर से राशि जारी कर सकेगी.
Source: भास्कर न्यूज