...अब ग्राम पंचायतवार बनेगा रिपोर्ट कार्ड
Posted On at by NREGA RAJASTHANमहात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, डूंगरपुर
...अब ग्राम पंचायतवार बनेगा रिपोर्ट कार्ड
मिलेगी ग्रेडिंग, फेल होने पर रूकेंगे कार्मिकों के इंक्रीमेंट
डूंगरपुर, 13 अप्रेल/ सौ दिनों का शर्तिया रोजगार मुहैया करवाने वाली महत्वकांक्षी महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनान्तर्गत सरकार की मंशाओं के अनुरूप पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए सुव्यवस्थित क्रियान्वयन के लिए डूंगरपुर जिले में एक नवीन मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित किया गया है जिसके माध्यम से ग्राम पंचायतवार योजना की मॉनिटरिंग करते हुए अनियमितताओं पर अंकुश लगाया जाएगा वहीं इससे यह पता लगाया जाएगा कि योजना वास्तव में मांग आधारित, अधिकार आधारित एवं जवाबदेह तरीके से संचालित हो रही है अथवा नहीं ।
जिला कलक्टर पूर्ण चंद्र किशन द्वारा तैयार किए गए इस मॉनिटरिंग सिस्टम में अब योजना के तहत 11 कॉलम में 23 बिन्दुओं पर सूचना संकलित करते हुए ग्रेडिंग दी जाएगी जिसके माध्यम से पता चल सकेगा कि योजना का प्रभावी क्रियान्वयन हो रहा है अथवा नहीं। इसके तहत निर्धारित मानदण्डों पर खरा नहीं उतरने वाले संबद्ध कार्मिकों के विरूद्ध कार्यवाही का आधार भी तय किया गया है।
सिस्टम के तहत एक प्रपत्र तैयार किया गया है जिसमें सी-1 से सी-11 तक कॉलम में ग्राम पंचायतवार तथा गतिविधिवार सूचना संकलित कर मंगवाई गई है। प्रपत्र के सी-1 कॉलम में 100 दिन का कार्य पूर्ण करने वाले परिवारों की संख्या तथा कार्य हेतु आवेदन करने वाले परिवारों की सूचना होगी। इससे यह ज्ञात हो जावेगा कि आवेदन करने वाले परिवारों के विपरित कितने परिवारों को 100 दिन पूर्ण का रोजगार दिया गया क्योंकि यह स्पष्ट है कि किसी परिवार ने एक बार कार्य के लिये आवेदन किया है तो यह सम्भव नहीं है कि 100 दिवस तक कार्य नहीं करेगा। इस बिन्दु से यह जानकारी हो सकेगी कि ग्राम पंचायत के सरपंच अथवा सचिव द्वारा काम मांग करने वाले श्रमिकों को कार्य देने में रूचि दिखाई गई अथवा नहीं। इसी प्रकार सी-2 के कॉलम में सृजित मानव दिवस तथा आवेदन करने वाले श्रमिकों की संख्या की सूचना के माध्यम से यह ज्ञात होगा कि औसत कितने श्रम दिवस कार्य उपलब्ध कराया गया। यदि यह संख्या कम आती है तो स्पष्ट है कि कार्य उपलब्ध नहीं करवाया गया। प्रपत्र के सी-3 कॉलम में श्रम भाग पर कुल व्यय की गई राशि तथा कुल सृजित मानव दिवस की सूचना प्राप्त होने से औसत दर की भी जानकारी प्राप्त हो सकेगी। इसी प्रकार संबंधित ग्राम पंचायतों में जिन पखवाड़ों में कार्य नहीं चलाया गया, उसकी संख्या तथा अवधि की जानकारी प्रपत्र के सी-4 कॉलम से प्राप्त होगी और इससे यह पता चल सकेगा कि ग्राम पंचायत में जानबूझकर कितने पखवाड़ों में कार्य बन्द रखा गया।
सी-5 में केटेगरी-4 के कार्यों की संख्या तथा लाभार्थियों की संख्या का उल्लेख होने से व्यक्तिगत लाभ से शेष रहे परिवारों को चिन्हित किया जा सकेगा वहीं सी-6 में वित्तीय वर्ष 2010-11 में व्यक्तिगत लाभ के कार्यों व लाभान्वितों की संख्या मांगी गई है। प्रपत्र के सी-7 कॉलम विशेष रूप से अनुसूचित जाति वर्ग के श्रमिकों को दिए गए कार्य पर निगरानी रखने के लिए निर्धारित किया गया है और इससे यह तथ्य उद्घाटित हो सकेगा कि ग्राम पंचायत में कितने परिवार अनुसूचित जाति के हैं तथा उनके कितने मानव दिवस सृजित करते हुए अजा परिवारों को लाभान्वित किया गया। इस सूचना से अनुसूचित जाति वर्ग के प्रति संबंधित ग्राम पंचायत प्रशासन की संवेदनशीलता है का ज्ञान हो सकेगा। प्रपत्र के सी-8 कॉलम में अबतक कुल स्वीकृत कार्य व अपूर्ण रहे कार्य की संख्या की सूचना के माध्यम से ग्राम पंचायतवार अपूर्ण रहे कार्यों की जानकारी मिल सकेगी ताकि इन्हें पूर्ण करवाने के प्रयास किये जा सके। इससे प्राप्त सूचनाओं के आधार पर अपूर्ण कार्यों के त्वरित गति से पूर्ण करवाने के साथ ही स्वीकृत धनराशि का उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा।
इसी प्रकार सी-9 में ऎेसे कार्यों की संख्या प्राप्त होगी जहां पर सरकार द्वारा निर्धारित पांच के समूह में कार्य नहीं हो रहा है तथा श्रमिक दर 60 रू. से कम है। इस कॉलम में श्रमिक दर 60 रूपये से कम आने की स्थिति में संबंधित मेट के विरूद्ध की गई कार्यवाही के बारे में भी विवरण अंकित करने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके अलावा सी-10 में श्रमिक दर 89 रूपये से कम दिए जाने वाले श्रमिकों की संख्या तथा इस स्थिति में मेट के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण संकलित किया जाएगा। प्रपत्र के अंतिम कॉलम में ग्राम पंचायत को अग्रिम दी गई राशि और अब तक समायोजित की गई राशि के बारे में सूचना प्राप्त करते हुए योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के बारे में सूचनाएं प्राप्त की जा रही हैं।
...और प्रतिशत कम रहे तो रूकेंगे इंक्रीमेंट ः
महात्मा गांधी नरेगा योजना की मॉनिटरिंग को बनाए गए इस विशेष प्रपत्र में मा़ंगकर ही इतिश्री नहीं की गई है वरन् इसके माध्यम से बिन्दुवार प्रगति का प्रतिशतांक भी निकाला जा रहा है। इस प्रतिशतांक के आधार पर जिम्मेदार संबंधित ग्राम पंचायत के सचिव, पंचायत समिति के कनिष्ठ अथवा सहायक अभियंता के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित करते हुए इंक्रीमेंट रोकने की कार्यवाही की जाएगी। इंक्रीमेंट रोकने के लिए भी मानदण्ड निर्धारित किए गए है जिसमें अपेक्षित प्रगति लक्ष्य में से 40 प्रतिशत कमी पर 3 इंक्रीमेंट, 30 प्रतिशत पर दो तथा 20 प्रतिशत कमी पर 1 इंक्रीमेंट रोका जाएगा। इंक्रीमेंट रोकने के अलावा लक्ष्य से बिल्कुल कम होने पर संबंधित कार्मिक को नोटिस देने, निलंबित करने और टर्मीनेट करने तक की कार्यवाही भी की जाएगी। प्रत्येक कॉलम में प्रगति लक्ष्य की पूर्ति नहीं होने पर अलग-अलग कार्यवाही निर्धारित की गई है।
तुलनात्मक अध्ययन संभव होगा ः
प्रपत्र में 11 बिन्दुओं पर विस्तृत सूचना प्राप्त होने पर न केवल ग्राम पंचायतवार बेहतर मॉनिटरिंग हो पाएगी वरन् इससे योजना से सम्बन्धित प्रत्येक गतिविधि का विस्तृत डाटा प्राप्त होगा और जिले में विभिन्न पंचायतसमितियों के डाटा का तुलनात्मक अध्ययन करते हुए प्रगति अथवा शिथिलता की जानकारी प्राप्त हो सकेगी। इसमें उल्लेखनीय कार्य करने पर प्रोत्साहन स्वरूप संबंधित कार्मिकों को अभिनंदन भी किया जाएगा।
-कमलेश शर्मा
http://kamleshpro.blogspot.com
फिर खुलेंगे मनरेगा के बड़े मामले
Posted On at by NREGA RAJASTHANफिर खुलेंगे मनरेगा के बड़े मामले
मामले की जानकारी पेश करें।लोकपाल इन मामलों की जांच में हुई प्रगति और कार्रवाई की समीक्षा करेंगे।
जिले में मनरेगा के तहत वैसे तो हरेक ग्राम पंचायत में कोई न कोई गड़बड़ी सामने आती रही है, लेकिन खासकर कुछ स्थानों पर भ्रष्टाचार के बड़े मामले सामने आए थे।इसमें फर्जी मस्टररोल भरे जाने, फर्जी जॉब कार्ड बनाए जाने, काम किए बगैर ही मस्टररोल भरने और भुगतान उठा लेने के मामले उजागर हुए थे। ...शेष & पेज 14
इन मामलों में विभागीय जांच कर रही है, वहीं उनके आपराधिक मामले थाने में भी दर्ज हुए थे। अब तक नरेगा प्रकोष्ठ के अधीन ही जांच का दायरा होने से ये मामले पूरी तरह से नहीं खुल पाए हैं। अब लोकपाल के अधीन शिकायत, जांच एवं निस्तारण की कार्रवाई का अधिकार आने के बाद इन मामलों की गहनता से जांच होगी।
source- दैनिक भास्कर
विधायकों को मिलेगा मनरेगा का रिपोर्ट कार्ड
पटना। बिहार के विधायक अब अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की अद्यतन जानकारी रख सकेंगे। मनरेगा में सम्बंधित विधानसभा क्षेत्र के बारे में जानकारी राज्य ग्रामीण विकास विभाग विधायक को रिपोर्ट कार्ड के जरिये अवगत करायेगा।राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा ने सोमवार को बताया कि विधायकों को मनरेगा की प्रगति रिपोर्ट और स्वीकृत योजनाओं की सीडी पंचायतवार उपलब्ध करायी जायेगी, जिससे पंचायत की स्थिति सभी विधायकों के सामने आ सके। इससे विकास कार्यक्रमों में पारदर्शिता भी आएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर ग्रामीण विकास विभााग द्वारा शुरू की गई इस पहल में विधायक न सिर्फ अपने क्षेत्र में मनरेगा की प्रगति को जान सकेंगे बल्कि अन्य विधानसभा क्षेत्रों के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को भी देख सकेंगे।
मिश्रा के मुताबिक पहली बार प्रारम्भ किये जा रहे ऐसे प्रयासों का मकसद विधायकों को मनरेगा जैसी योजनाओं से सीधे जोड़ना तथा उसमें गति प्रदान करने पर बल देना है। इसके अतिरिक्त इस योजना से विधायक अपने क्षेत्रों से भी अवगत होंगे। इससे विधायक यह भी जान सकेंगे कि कौन प्रखंड और कौन पंचायत इस योजना में दिलचस्पी ले रहा है और कौन नहीं ले रहा है।
मंत्री का मानना है कि पीछे रहने वाले विधायक निश्चित तौर पर अन्य क्षेत्रों से आगे निकलने के लिए इस ओर आकर्षित होंगे। उन्होंने बताया कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी से विधायक इसकी समीक्षा कर योजना को गति देने में सहयोग करेंगे।
बीडीओ व जनसेवक पर गबन का मुकदमा
Posted On at by NREGA RAJASTHANमनरेगा की होगी सीबीआई जांच
रायपुर। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना में यदि भ्रष्टाचार हुआ तो प्रथम दृष्टया आपराधिक मंशा पाए जाने पर सीबीआई से जांच कराई जाएगी। गैर आपराधिक या सिस्टम की विफलता की चूक होने पर केंद्रीय मंत्रालय के अधिकारी जांच करेंगे। प्रतिकूल परिस्थितियों में कलेक्टरों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने कलेक्टरों को हाल में जारी एक परिपत्र में यह स्पष्ट किया है कि मनरेगा के नियमों का कड़ाई से पालन नहीं किया गया तो योजना की राशि पर रोक लगा दी जाएगी। इसी से संबंधित धारा 27 (1) का कड़ाई से पालन करने कलेक्टरों से कहा गया है। योजना की राशि का अनुचित प्रयोग के संबंध में शिकायत मिलने पर कोई मामला बनता है तो शिकायत की जांच करवाई जाएगी।
जरूरी हुआ तो योजना की राशि भी रोक दी जाएगी। तय समय में इसके उचित क्रियान्वयन के प्रयास किए जाएंगे। केंद्रीय मंत्रालय के अफसरों के दौरों, केंद्रीय रोजगार गारंटी परिषद, राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी सदस्य, आडिट टीम, मीडिया रिपोर्ट के आधार पर क्रियान्वयन में विसंगति पाए जाने पर भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
कलेक्टरों से कहा गया है कि अधिनियम के उल्लंघन तथा चूक के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ धारा 25 के तहत कार्रवाई करें। ऐसी परिस्थिति में केंद्र सरकार जरूरी होने पर धारा 25 (2) में दी गई शक्तियों का उपयोग करते हुए योजना की राशि पर रोक लगा देगी। इस दौरान योजना तथा बेरोजगारी भत्ते के भुगतान की राशि का वहन राज्य सरकार करेगी।
कड़ाई होगी इस तरह
> केंद्र सरकार स्वतंत्र सूत्रों से शिकायतों के बारे में पूछताछ करेगी।
> आरोपों की जांच कर रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजेगी कि वह दो हफ्ते में कार्रवाई करे।
> राज्य से कार्रवाई की रिपोर्ट मिलने पर केंद्र की स्क्रीनिंग कमेटी रिपोर्ट की जांच कराएगी।
> राज्य की रिपोर्ट संतोषजनक न होने पर सीबीआई या केंद्रीय मंत्रालय के अफसरों को जांच सौंपी जाएगी।
> सीबीआई जांच होने पर संबंधित अफसरों को मनरेगा से हटाकर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
> यदि राज्य सरकार ऐसा नहीं करती तो योजना की राशि पर रोक लगा दी जाएगी।
> केंद्रीय अफसरों द्वारा की जा रही जांच होने तक भी राशि रोक दी जाएगी
> राज्य सरकार को तय अवधि में सिस्टम में सुधार करना होगा।
> राज्य सरकार के सुधार के उपायों से संतुष्ट होने पर केंद्र सरकार फिर से राशि जारी कर सकेगी.
Source: भास्कर न्यूज