मनरेगा पर प्रापर्टी डीलरों की कुदृष्टि
बलिया: केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजनाओं में एक मनरेगा भी है। क्षेत्रीय विकास व गरीबों को सीधे रोजगार से जोड़ने के लिए इस योजना का क्रियान्वयन हुआ लेकिन यहां माजरा कुछ और ही है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह योजना प्रापर्टी डीलरों की कुदृष्टि से नहीं बच सकी है और संबंधित धनराशि का उपयोग ये व्यक्तिगत कामों में भी प्रधानों की मिलीभगत से करने लगे हैं।
बता दें कि नगर से पांच किमी की दूरी तक की जमीनों पर प्रापर्टी डीलरों की गिद्ध दृष्टि है। वह कम दामों में जमीन लेकर उसकी प्लाटिंग कर उसे ऊंची दर में बेंच दे रहे हैं। इस तरह का कारोबार नगर क्षेत्र के सिंकदरपुर मार्ग पर हनुमानगंज तक, बांसडीह मार्ग पर टकरसन तक, बैरिया मार्ग पर पिपरपाती तक, लखनऊ मार्ग पर माल्देपुर व नगरा मार्ग पर मिड्ढा तक हो रहा है। प्रापर्टी डीलर इन क्षेत्रों में जमीन लेने से पहले ही गांव के प्रधान को अपने साथ मिला लेते हैं। जमीन की खरीदारी करते ही उसमें प्लाट काटने के बाद रास्ता बनाते हैं। इस क्रम में खड़ंजा व नाली का काम प्रधान से मिलकर करवाते हैं।
प्रधान व प्रापर्टी डीलरों को दोहरा फायदा
मनरेगा से प्रधानों व प्रापर्टी डीलरों को दोहरा फायदा हो रहा है। प्रधान प्रापर्टी डीलर की भूमि पर बेधड़क रास्ते व नाली का काम करा रहे हैं। इससे उन्हें प्रापर्टी डीलरों के माध्यम से मोटी रकम मिल जाती है। वहीं प्रापर्टी डीलरों को भी दोहरा फायदा हो जा रहा है। रास्ते का निर्माण होने पर वह अपना खर्च बताकर प्लाट को ऊंचे दाम पर बेंच रहे हैं।
गलत है कार्य, होगी कार्रवाई: पीडी
परियोजना निदेशक प्रमोद कुमार यादव का मानना है कि व्यक्तिगत जमीन में मनरेगा से कार्य कराना गलत है। इस तरह का मामला प्रकाश में आने पर प्रधान व सचिव के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। साथ ही ग्राम पंचायत के प्रस्ताव को भी देखा जायेगा।