सरकार की चेतावनी पर दो शब्द
सरकार ने दिनाक 18.2.2011 को एक और पत्र जारी कर हमारे मनोबल को तोङने की नाकामयाब कौशिश की है मैं यह भी जानता हुँ की बहुत से जिलो के जिला कलक्टरो व विकास अधिकारीयो ने आंदोलित नरेगा कार्मिको को वापस काम पर नहीं आने पर नौकरी से निकालने की धम्मकी दी है मैं अपने साथीयों से बस इतना करना चाहूँगा की हमें इस प्रकार की किसी भी धम्मकी के लिए घबराने, विचलित होने या डरने की जरुरत नहीं है हमें हिम्मत से काम लेना है और संघर्ष को चालू रखना है मैं अपने प्यारे नरेगा कार्मिक साथीयों से वादा करता हुँ की जब तक मेरी नशो में खून का एक भी कतरा बहता रहेगा तब तक मैं पवन कुमार शर्मा आपके लिए संघर्ष करता रहुँगा. साथीयों यदि सरकार ने, अपने हितों के लिए संघर्ष कर रहे किसी भी नरेगा कार्मिक को निकालने की भूल की तो पुरे राजस्थान के नरेगा कार्मिक प्रधानमत्री महोदय को अपना त्याग पत्र दे देंगे तथा पुरे राज्य में चका चाम कर देंगे मजबूरन हमें राजस्थान बंद का आहान करना पडेगा यदि जरुरत पडी तो अपने अधिकारों के लिए हम दिल्ली बंद भी करवाएंगे.
दोस्तों हमें जरुरत है तो बस आपके हौसले, प्यार, हिम्मत और साथ की, हमारे अंदर कदम से कदम मिलाकर साथ चलने के लिए मजबूत ईरादा होना चाहिए
अंत में दो शब्द
अब जो चले तो न रुकेंगे हम.
मंजिल से पहले अब न थकेंगे हम.
जीतने का अब है जूनून सवार.
अब चाहे जो भी हो हम नही मानेंगे हार.
खुद पे हौसला है अब रखना.
और किसी से न हमको है डरना.
अपने सपनों को पूरा है करना.
जीत का मजा हमको है चखना.
आपका अपना
पवन कुमार शर्मा