नरेगा कार्यो का निरीक्षण, श्रमिक अनुपस्थित
Posted On at by NREGA RAJASTHANश्रीगंगानगर। भारतीय मजदूर संघ के राजस्थान व गुजरात प्रदेश प्रभारी डॉ. बी.के.राज के अनुसार देश में महानरेगा योजना भ्रष्टाचार का अaा बन गई है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देश की विभिन्न नदियों को जोड़ने की योजना बनाई थी। उसे यदि महानरेगा के जरिए पूरा किया जाता है तो यह सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।
यहां संगठन की दो दिवसीय प्रदेश कार्य समिति की बैठक के उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में उन्होंने कहा कि राहत के नाम पर फिजूल खर्ची कैंसर रूपी बीमारी बन चुकी है। पेंशन आदि से सामाजिक सहायता दी जा सकती है लेकिन नरेगा में खर्च होने वाली राशि में युवा श्रमिकों को पंगु बना रही है। श्रमिक की आजीविका के साथ उसका काम भी राष्ट्रहित में दिखना चाहिए। आजादी के बासठ साल बीतने के बावजूद श्रमिकों को उनके काम की सुरक्षा नहीं मिली है।
देश में भ्रष्टाचार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट तक भ्रष्टाचार पर कड़ी टिप्पणियां कर चुका है लेकिन केन्द्र और राज्य सरकारों ने इसे अभी तक गंभीरता से नहीं लिया है।
प्रदेशाध्यक्ष प्रहलाद सिंह अहवाना ने कहा कि राज्य सरकार ने न्यूनतम मजदूरी 135 रूपए की है, यह महंगाई को देखते हुए काफी कम है। संगठन ने न्यूनतम ढाई सौ रूपए मजदूरी की मांग की थी। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का मानदेय दस हजार रूपए, आशा सहयोगिनी और साथिनों के लिए पांच हजार रूपए करने की मांग की। प्रदेश महामंत्री राजबिहारी शर्मा ने कहा कि श्रमिक कल्याण और सुरक्षा के लिए मौजूदा कानूनों में संशोधन करने की जरूरत है।
उन्होंने रोडवेज में सुधार के लिए बसों के अवैध संचालन को सख्ती से बंद करवाने का प्रस्ताव रखा। संभागीय अध्यक्ष गौरीशंकर व्यास ने गत बैठक के बिन्दुओं पर विस्तृत जानकारी दी।
गुर्जर आंदोलन जैसा माहौल
डा. राज के अनुसार संगठन श्रमिकों की मांगों के लिए राज्य सरकार से आर-पार की गई लड़ने को तैयार है। राजस्थान पत्रिका से विशेष बातचीत में उनका कहना था यही हाल रहे तो गुर्जर आंदोलन जैसा माहौल बनाने में देर नहीं लगेगी।