अब मनरेगा में भी होंगे कृषि कार्य
Posted On at by NREGA RAJASTHANयोजना के प्रथम चरण में बीपीएल, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के किसानों को लाभ दिया जाएगा। इसके बाद सीमान्त और लघु कृषकों को योजना में लाभान्वित किया जाएगा। योजना के लिए लाभार्थियों के चयन के लिए सात प्रपत्रों में सर्वे कार्यशुरू कर दिया गया है। सर्वे के बाद इसे ग्राम सभा में विचार के बाद 2012-13 की वार्षिक कार्य योजना में सम्मलित किया जाएगा। इसके बाद पंचायत समिति व जिला परिषद की सधारण सभा की बैठक में इन कार्यो का अनुमोदन किया जाएगा।
क्यों पड़ी जरूरत
मनरेगा के तहत अब कराए जा रहे सामुदायिक व सार्वजनिक हित के कार्यो में धीरे-धीरे कमी आने लगी है। श्रमिकों को कार्य नहीं मिलने की स्थिति में एक ही तलाई पर दो-दो बार काम करवा दिया जाता है या फिर काम देने के लिए ऎसे स्थान पर कार्य करवा दिया जाता हैं, जो कि औचित्य पूर्ण नहीं होता। इससे श्रमिकों का 100 दिन का टास्क पूरा नहीं हो पा रहा था। इस कारण खेतों पर मनरेगा कार्य कराने की योजना शुरू की गई है।
ये होंगे कार्य
योजना के तहत भूमि समतलीकरण, छोटे बांध, तलाई, मेड़बंदी, कृषि वानिकी, उद्यानिकी, भू-जल संरक्षण कार्य व खडीन निर्माण, कच्चे धोर बनाना, कच्चे धोरों को पक्का करने, फार्म पौण्ड, डिग्गी, टांके, जल होज, नवीन कूप निर्माण, कूप गहरा करना, चेकडेम, भूमिगत पाइप लाइन बिछाने का कार्य किए जाएंगे। इसके अलावा ड्रिप संयंत्र, फव्वारा सिंचाई तथा बागवानी में कृषि विभाग की अनुदान योजनाओं को शामिल कर कार्य स्वीकृत किए जाएंगे।
क्या है योजना
व्यक्तिगत लाभ की 'अपना खेत अपना काम योजना' में लाभ लेने वाले किसान का चयन ग्राम सेवक व ग्राम रोजगार सहायक करेंगे। योजना का लाभ लेने वाले किसान का जाबकार्डधारी होना तथा उसी ग्राम पंचायत में उसकी जमीन होना आवश्यक है। योजना के तहत एक व्यक्ति अघिकतम 1.50 लाख रूपए के ही कार्य कराए जा सकेंगे।
इनमें पक्के कार्यो के लिए 60 हजार रूपए तक की निर्माण सामग्री तथा शेष राशि के श्रमिक उपलब्ध कराए जाएंगे। योजना में अघिकतम 10 श्रमिक उपलब्ध होंगे, जिनमें एक लाभार्थी किसान होगा। इससे अघिक राशि का कार्य होने पर लाभार्थी अतिरिक्त राशि स्वयं उपलब्ध कराएगा या अन्य योजनाओं से उस कार्य को पूरा कराया जा सकता है।
दे रहे प्रशिक्षण
महानरेगा के सहायक अभियंता अरविन्द शर्मा ने बताया कि योजना के प्रभावी क्र्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। लाभार्थियों के चयन के लिए सर्वे कार्य शुरू कर दिया गया है।
मनरेगा में धन की बर्बादी
Posted On at by NREGA RAJASTHANशिमला, प्रदेश में मनरेगा के तहत कई क्षेत्रों में धन की बर्बादी की जा रही है। ऐसा पंचायतों और विकास खंडों की लापरवाही के कारण हो रहा है। मनरेगा के अंतर्गत विकास खंड एवं जिले प्रदेश सरकार से धन की उपलब्धता के बावजूद ज्यादा धन की मांग कर रहे हैं। इस बात का खुलासा जिलों और विकास खंडों के पास मौजूद धन राशि और खर्च की गई राशि के एमआईएस (मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम) की जानकारी की जांच के बाद हुआ है। सभी जिला उपायुक्तों, परियोजना अधिकारियों और खंड विकास अधिकारियों को विशेष सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज आरएन बत्ता ने लिखित आदेश जारी कर सभी पंचायतों और अन्य कार्यान्वयन निकायों से उपलब्ध धन राशि की मासिक समीक्षा करने के कहा है। बत्ता ने कहा है कि मनरेगा मांग आधारित कार्यक्रम है जिसमें धन राशि रोजगार की मांग के आधार पर जारी की जानी है न कि योजना में स्वीकृत कार्यो के आधार पर। प्रदेश सरकार ने यह भी साफ किया है कि सभी ग्राम पंचायतें यह भी तय कर लें कि उनके पास बगैर उपयोग के कोई धन राशि न रहे। प्रदेश सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि मनरेगा एक मांग आधारित कार्यक्रम है जिसके अंतर्गत धन राशि जारी करने से पहले लोगों को दिए जाने वाले रोजगार को ध्यान में रखना जरूरी है। अभी मनरेगा में स्वीकृत कार्यो की संख्या और लागत के आधार पर धन मांगा जा रहा है जो कि गलत है। ऐसे में सभी मनरेगा योजनाएं कार्यान्वित करने वाली सभी पंचायतों को मस्टर रोल और लोगों के रोजगार की मांग का विश्लेषण कर धन का सही उपयोग करने के निर्देश दिए हैं। Source: bhaskar news
खर्च में खेल
ग्रामीण विकास विभाग के मुख्यालय स्तर पर हुई जांच के बाद अधिकतर जिलों में पर्याप्त धन उपलब्ध होने की पुष्टि हुई है। ऐसे में मनरेगा के अंतर्गत अपनी कार्यप्रणाली को लेकर प्रदेश की अधिकतर जिले और विकास खंड संशय के दायरे में आ गए हैं। चर्चा है कि प्रदेश की ग्राम पंचायतें एवं मनरेगा कार्यान्वयन में लगी सभी एजेंसियां सरकार से मनरेगा से ज्यादा धन वसूली की कोशिश कर रही हैं। मनरेगा में अधिकतर ग्राम पंचायतों की जारी की गई धन राशि में वास्तविक व्यय की गई धन राशि की समीक्षा नहीं कर रही हैं। इससे विभिन्न पंचायतों के पास उपलब्ध धन राशि का वास्तविक स्थिति का जायजा नहीं मिल पा रहा। जिला एवं खंड विकास कार्यालय प्रदेश सरकार से अतिरिक्त धन की मांग कर रहे हैं।
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कई कार्मिकों को दिए नोटिस
Posted On at by NREGA RAJASTHANबारां। राज्य सरकार के निर्देश पर जिला मुख्यालय के सरकारी कार्यालयों में औचक निरीक्षण में अनुपस्थित मिले कार्मिकों को नोटिस जारी कर तलब किया गया है। जिला कलक्टर नवीन जैन ने बताया कि कार्मिकों का लेटलतीफी का रवैया नहीं सुधरने पर बड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
गत 15 जुलाई को औचक निरीक्षण में दूसरी बार अनुपस्थित पाए गए टीए अमर सिंह, सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति करतार सिंह, जिला उद्योग अधिकारी शरबतीलाल मीणा, गार्ड राजेश कश्यप, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के जेईएन अब्दुल हफीज, किशन गोपाल, अनिल भट्ट तथा वरिष्ठ लिपिक महेन्द्र वर्मा व फरीद को नोटिस देकर तलब किया है।
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